तेरापंथ भवन में 155वां मर्यादा महोत्वस शुरू
संगरूर महातपस्वी आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या शासन बसंत प्रभा के सान्निध्य में 155वां मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम स्थानीय तेरापंथ भवन के प्रांगण में साध्वी के मंगल मंत्रोच्चारण व भीखण स्वामी भारी मर्यादा बांधी संघ में गीत द्वारा प्रारंभ हुआ। महिला मंडल की प्रधान मीना जैन, प्रीति जैन ने मधुर संगीत पेश किया।
जागरण संवाददाता, संगरूर
महातपस्वी आचार्य महाश्रमण की शिष्या शासन बसंत प्रभा के सान्निध्य में 155वां मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम स्थानीय तेरापंथ भवन के प्रांगण में साध्वी के मंगल मंत्रोच्चारण व भीखण स्वामी भारी मर्यादा बांधी संघ में गीत द्वारा प्रारंभ हुआ। महिला मंडल की प्रधान मीना जैन, प्रीति जैन ने मधुर संगीत पेश किया। साध्वी कल्पमाला ने आचार्य भिक्षु वह मर्यादा पर मुक्त पेश किया। ज्ञानशाला के नन्हें-मुन्ने बच्चों द्वारा सिमरन जैन के नेतृत्व में मर्यादा पर रोचक प्रस्तुति दी गई।
शासन साध्वी बसंत प्रभा ने कहा कि तेरापंथ संघ एक प्राणवान संघ है। तेरापंथ के प्रथम गुरु आचार्य भिक्षु ने संवत 1832 में मर्यादा का निर्माण किया। मर्यादा संयममय जीवन जीने की शैली है। मर्यादा एक सोपान है, मर्यादा सुरक्षा कवच है, मर्यादा वह मशाल है, जो ¨जदगी को जगमगा देती है। मर्यादा वह पतवार है, जो ¨जदगी की नाव को पार पहुंचा देती है। आचार्य भिक्षु ने एक क्रांति की, उस क्रांति का फलित है, तेरापंथ धर्म संघ। इस धर्म संघ की नींव को रखने वाला वह क्रांतिकारी पुरुष आचार्य भिक्षु ने आचार, मर्यादा, अनुशासन व संगठन आज से अढ़ाई सौ वर्ष पूर्व मर्यादाओं का निर्माण किया, जो आज तक तेरापंथ के साधु, साध्वी व श्रावकों तक एक आचार्य के नेतृत्व में नियमों का पालन कर रहे हैं। प्रतिवर्ष मर्यादा महोत्सव मनाया जाता है। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा संगरूर के अध्यक्ष अरिहंत जैन ने आगन्तुक महानुभावों का स्वागत किया। भीखी के प्रधान सुशील जैन ने अपनी भावना व्यक्त की। धुरी से वंदना जैन ने गीतिका प्रस्तुत की। अशोक जैन ने विचार रखे। कार्यक्रम का सफल संयोजन साध्वी रोहित यशा ने किया।