हड़ताल पर हड़ताल : तहसील, अस्पताल व नशामुक्ति केंद्र की स्थिति बिगड़ी
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय के दौरान विभिन्न विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय के दौरान विभिन्न विभागों के मुलाजिम अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सेहत विभाग, माल विभाग, पटवारखाने, तहसील दफ्तर, डीसी दफ्तर, नशामुक्ति केंद्र व पुनर्वास केंद्र, पीआरटीसी व पनसप के मुलाजिम हड़ताल पर चल रहे हैं। हड़तालों व धरनों के कारण जहां दर्जन भर से अधिक विभागों का कामकाज ठप पड़ा हुआ है, वहीं आम लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पंजाब रेवेन्यू आफिसर्स एसोसिएशन, पटवार यूनियन, कानूनगो एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा कलम छोड़ हड़ताल को 12 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है, जिस कारण 22 नवंबर से ही तहसील दफ्तरों व माल विभाग का कामकाज ठप पड़ा हुआ है। विजिलेंस की टीम ने माहिलपुर के नायब तहसीलदार संदीप कुमार व रजिस्ट्री क्लर्क मनजीत सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में हड़ताल आरंभ की गई थी, जिसके चलते लगातार हड़ताल को आगे बढ़ाया जा रहा है। बुधवार को हुई बैठक के बाद हड़ताल को रविवार तक जारी रखा जाएगा। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण रजिस्ट्रियों का काम, फर्द की कापी, इंतकाल, गिरदावरी, पटवारखाने से संबंधित सभी प्रकार के जमीनी कार्य, असलाह लाइसेंस से संबंधित कार्य, जाति सर्टिफिकेट, डोमिसाइल, जन्म-मृत्यु के सर्टिफिकेट बनाने का काम बंद पड़ा हुआ है। जिले भर में रोजाना होने वाली दो सौ से अधिक रजिस्ट्रियां अटकी हुई हैं, जिस कारण अब तक हजारों रजिस्ट्रियां बाधित हैं, जिसका नुकसान माल विभाग को भी भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि रजिस्ट्री अस्टाम ड्यूटी फीस जमा नहीं हो पा रही हैं। कानूनगो एसोसिएशन के जिला प्रधान पिरथी चंद ने कहा कि जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रखी जाएगी। हड़ताल कारण दफ्तरी कामकाज व रेवेन्यू से संबंधित हो रहे नुकसान के लिए सरकार खुद जिम्मेदार है। नशामुक्ति केंद्र मुलाजिमों की हड़ताल, मरीज बेहाल
गवर्नमेंट ड्रग डी-एडिक्शन व रिहैबिलिटेशन इंप्लाइज यूनियन की अगुआई में नशामुक्ति केंद्र, पुनर्वास केंद्र व ओट सेंटरों के मुलाजिमों की अनिश्चितकालीन हड़ताल वीरवार को चौथे दिन भी जारी रही। संगरूर सिविल अस्पताल में मौजूद नशामुक्ति केंद्र पर मुलाजिमों ने धरना लगाकर रोष प्रदर्शन किया। धरने के कारण उक्त केंद्रों के मरीजों व भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र से दवा लेने वालों मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रोजाना ओट सेंटरों से दवा लेने वाले मरीजों काफी परेशान हैं, क्योंकि इन मरीजों को जहां रजिस्ट्रेशन के लिए कई-कई घंटे लाइटों में लगना पड़ता है, वहीं ओट सेंटरों पर दवा लेने के लिए भी भटकते रहते हैं। बेशक इन मरीजों को ओट सेंटर पर दवा मुहैया करवाने के लिए विभाग ने मुलाजिम तैनात कर दिए हैं, लेकिन रेगुलर कर्मचारियों की कम गिनते के कारण परेशानी अवश्य पेश आ रही है। गौर हो कि करीब पांच हजार से अधिक रजिस्टर्ड मरीज मौजूद हैं। प्रांतीय प्रधान परमिदर सिंह ने कहा कि नशामुक्त केंद्रों में मुलाजिम तनदेही से काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। अगले दिनों में अगर उनकी मांगों को पूरा न किया तो सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। काले गुब्बारे छोड़कर जताया रोष
संगरूर: एनएचएम के सेहत कर्मचारियों को रेगुलर न करने के विरोध में सिविल अस्पताल संगरूर में एनएचएम मुलाजिमों ने रोष रैली की। सेहत कर्मियों ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ हवा में काले गुब्बारे छोड़कर अपना रोष व्यक्त किया। मुलाजिम नेता पूनम रानी व सीएचओ रजनी बाला ने कहा कि एनएचएम कर्मचारी लंबे समय से काम छोड़ हड़ताल पर बैठे हुए हैं, लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रत्येक बार झूठे वादे कर मुलाजिमों से धोखा किया जा रहा है। यहीं नहीं मुलाजिमों को पंद्रह वर्षों से कच्ची नौकरी पर रखकर आर्थिक व मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। मांग की कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कच्चे सेहत मुलाजिमों की मांगों को पूरा करे। यदि ऐसा न हुआ तो सहयोगी संगठनों के सहयोग से संघर्ष तेज किया जाएगा। अमरिदर सिंह व करनैल सिंह ने कहा कि मांगे पूरी न होने पर शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी के घर समक्ष मरण व्रत रखा जाएगा। इसका परिणाम आने वाली विधानसभा में सरकार को दिखाया जाएगा। इसके अलावा संघर्ष और तेज करते हुए कांग्रेस पार्टी के प्रोग्रामों का बायकाट किया जाएगा। इस मौके सीएचओ मनप्रीत कौर, संचिता, मोहम्मद अरशद, विपनजीत कौर, डा. हरमनजीत कौर आदि मौजूद थे।
वैक्सीनेशन, डायलेसिस व सैंपलिग प्रभावित
सेहत विभाग के एनएचएम व अन्य मुलाजिमों की हड़ताल के कारण कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो चुका है। एनएचएम मुलाजिमों की हड़ताल कारण आयुष व होम्योपैथिक डिस्पेंसरियां बंद पड़ी हैं। वहीं वैक्सीनेशन व सैंपलिग का काम भी सुस्त गति से ही चल रहा है। अस्पताल में डायलेसिस की सुविधा भी मरीजों को नहीं मिल पा रही। दूर-दराज इलाकों से आने वाले मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। बाहर से लोग 2500-2600 रुपये देकर डायलेसिस करवाने को मजबूर हैं। दिनों दिन मरीजों की स्थिति बदतर हो रही है, जबकि मुलाजिम अपनी मांगों की पूर्ति के लिए संघर्ष पर डटे हैं।