मशरूम की खेती में पराली का बेहतर उपयोग : डीसी
संगरूर जिला प्रशासन संगरूर ने कृषि विज्ञान केंद्र व नाबार्ड के सहयोग से कार्यक्रम करवाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, संगरूर : जिला प्रशासन संगरूर ने कृषि विज्ञान केंद्र व नाबार्ड के सहयोग से डीसी कार्यालय में एक दिवसीय वर्कशाप करवाई। इसमें किसान उत्पादन संगठन बनाने व मशरूम की खेती में धान की पराली इस्तेमाल करने पर जानकारी दी गई। वर्कशाप में शामिल किसानों को डीसी ने कहा कि गेहूं व धान के विकल्प के रूप में दूसरी फसलों को अपनाना चाहिए, ताकि खेती को लाभदायक बनाया जा सके। मशरूम उत्पादन में पराली का इस्तेमाल कर पराली जलाने की समस्या को खत्म किया जा सकता है। इसके अलावा पराली से बनी खाद से मशरूम उगाने में काफी कम खर्च होता है। एडीसी जनरल संगरूर अनमोल धालीवाल द्वारा किसानों को एफपीओ बनाने के लिए प्रेरित किया व आश्वासन दिया कि कृषि विज्ञान केंद्र नाबार्ड व अन्य संबंधित विभागों की ओर से उनको पूरा सहयोग मिलेगा। जिला प्रशासन द्वारा पराली को मशरूम की खेती में इस्तेमाल करने के काम में हंसराज कालेज नई दिल्ली का सहयोग लिया है।