भगवंत मान का सीएम चेहरा घोषित होते ही बदलेंगे संगरूर के समीकरण
अपने व्यंग्यों से पंजाब की राजनीति पर कटाक्ष करने वाले सांसद भगवंत मान को आम आदमी पार्टी ने आखिरकार अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया है।
सचिन धनजस, संगरूर
अपने व्यंग्यों से पंजाब की राजनीति पर कटाक्ष करने वाले सांसद भगवंत मान को आम आदमी पार्टी ने आखिरकार अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया है। लंबे अर्से से मुख्यमंत्री पद को लेकर जद्दोजहद कर रहे संगरूर जिले से संबंधित भगवंत मान के मुख्यमंत्री चेहरा घोषित होते ही जिला की सियासत में समीकरण बदलने लगे हैं। वर्करों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है। 2017 के विधानसभा चुनावों में 9 में से 5 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी को 2019 के संसदीय चुनावों में 7 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी। लिहाजा, नई घोषणा से संगरूर में आप वर्कर एक्टिव जरूर दिखाई देने लगे हैं। पीपीपी से शुरू किया राजनीतिक सफर : पंजाब पीपुल्स पार्टी में मनप्रीत बादल के साथ अपनी राजनीति शुरू करने वाले भगवंत मान ने 2012 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री राजिदर कौर भट्ठल के खिलाफ पहली बार चुनाव लड़ा था, लेकिन तब वह शिकस्त खा गए थे। मनप्रीत बादल द्वारा कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने अपना अलग रास्ता रखा। 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। 2014 में पहली बार सांसद बने और 2019 में फिर से जीत दर्ज कर लगातार दो बार जीतने का संगरूर में रिकार्ड कायम किया।
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दिग्गजों को दी शिकस्त 2012 में अपनी राजनीति शुरू करने वाले भगवंत मान ने पंजाब पीपुल्स पार्टी के बैनर तले लहरागागा में पूर्व मुख्यमंत्री राजिदर कौर भट्ठल के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन तब भगवंत मान तीसरे नंबर पर आए और उन्हें अकाली दल से भी कम मत हासिल हुए। 2014 में आम आदमी पार्टी ने भगवंत से संपर्क किया और उन्हें संसदीय चुनावों में संगरूर से उतारा। तब भगवंत मान की आंधी ने तत्कालीन सांसद विजयइंद्र सिगला की तो जमानत ही जब्त करवा दी थी, जबकि राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा को 2 लाख 11 हजार 721 मतों की करारी शिकस्त देकर पूरे देश में अपनी राजनीति का लोहा मनवाया था। अपने संसदीय कार्यकाल में भी भगवंत मान केंद्र सरकार के लिए हमेशा परेशानी ही बने रहे और लगातार मुद्दे उठाकर पंजाब का लोकप्रिय चेहरा बने। 2019 के चुनाव में भी भगवंत मान को पार्टी ने दोबारा संगरूर से मौका दिया और भगवंत मान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के केवल सिंह ढिल्लों को 1 लाख 10 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी।
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9 में से 7 हलकों में आगे रहे
विधानसभा चुनाव सिर पर होने की वजह से भगवंत मान को मुख्यमंत्री चेहरा बनाने के बाद समीकरण बदलने लगे हैं। पिछले 2017 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी बरनाला, महलकलां, भदौड़, दिड़बा व सुनाम से विजयी हुए थे, जबकि कई सीटों पर मार्जन काफी कम भी रहा। 2019 के संसदीय चुनावों में भगवंत मान लहरागागा व मालेरकोटला में दूसरे नंबर पर रहे थे,लेकिन अन्य हलकों में बेहतरीन लीड हासिल करने वाले उम्मीदवार बने। भगवंत मान को दिड़बा में 29056 की लीड मिली, जबकि सुनाम में 19776 मतों, भदौड़ में 10139 मतों, महलकलां में 7721 मतों, धूरी में 26071 मतों, संगरूर में 18843 मतों की जीत हासिल हुई। यही नहीं, पोस्टल बेल्ट में भी भगवंत मान को 1360 मत मिले थे, जबकि अकाली दल के परमिदर ढींडसा को 876 और कांग्रेस के केवल सिंह ढिल्लों को 791 मत ही हासिल हुए थे। जिला संगरूर में संसदीय चुनावों में कांग्रेस एक हलके मालेरकोटला में पहले नंबर पर रही, जबकि 5 हलकों में दूसरे नंबर पर और तीन हलकों में तीसरे नंबर पर रही थी। अकाली दल लहरागागा में पहले नंबर पर रहा, जबकि दो हलकों में दूसरे नंबर पर और छह हलकों में तीसरे नंबर पर रहा।