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संगरूर में दर्ज हुए दुष्कर्म के 71 मामले, सजा की मांग

संगरूर हैदराबाद सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड के चार आरोपितों से शुक्रवार को पुलिस ने किस दर्ज किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 11:10 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:11 AM (IST)
संगरूर में दर्ज हुए दुष्कर्म के 71 मामले, सजा की मांग
संगरूर में दर्ज हुए दुष्कर्म के 71 मामले, सजा की मांग

जागरण संवाददाता, संगरूर

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हैदराबाद सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड के चार आरोपितों से शुक्रवार को पुलिस की नेशनल हाईवे 44 पर हए इनकाउंटर में पुलिस ने चारों आरोपित को मार गिराया। इस कार्रवाई को जहां आम जनता ने खूब सराहा है, वहीं केवल मौत की सजा का प्रावधान रखने की भी हिमायत की है, ताकि इस घिनौने अपराध पर लगाम लगाई जा सके।

इस मौके पर लोगों ने यह भी मांग उठाई कि दुष्कर्म जैसे अपराध को अंजाम देने वाले किसी भी आरोपित से नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। जिला संगरूर की बात करें तो वर्ष 2019 दौरान 71 से अधिक दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए, जिनमें से धूरी की चार वर्षीय मासूम बच्ची से स्कूल बस कंडक्टर द्वारा दुष्कर्म किए जाने के मामले ने लोगों लोगों को हिला कर रख दिया।

हैदराबाद में महिला वेटरनरी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद जला कर मौत के घाट उतारने की घटना ने देशभर को हिला कर रख दिया, वहीं कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए। इस अपराध को अंजाम देने वाले चार आरोपितों ने पुलिस के गिरफ्त से भागने के प्रयास किया, जिसके चलते पुलिस इंकाउंटर में पुलिस ने चारों को मार गिराया। लोगों ने इस पर अपनी प्रक्रिया व्यक्त करते हुए इसे खूब सराहा, वहीं सोशल मीडिया पर भी लोगों ने पुलिस की भरपूर प्रशंसा की। दुष्कर्मियों के लिए हो मौत की सजा का प्रावधान:-

संगरूर की महिला मुलाजिम नेता पवित्र कौर ग्रेवाल ने कहा कि गुरुओं-पीरों की धरती पर आज दुष्कर्म जैसे अपराध तेजी से बढ़ रहा है। मासूम बच्चियों जहां अपने घरों में सुरक्षित नहीं है, वहीं सड़कों पर चलती महिलाओं को हवस से शिकारी अपना शिकार बना रहे है। ऐसे में हर बच्ची व महिला खुद को असुरक्षित महसूस करने लगी हैं। दुष्कर्म जैसे घिनौने अपराध को अंजाम देने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान रखा जाना चाहिए, ताकि अपराधियों में कानून का डर पैदा हो सकें। पुलिस ने उठाया सही कदम, सख्त सजा की जरूरत

वकील प्रमोद सक्सेना ने हैदराबाद में पुलिस द्वारा दुष्कर्मियों के इनकाउंटर करने को जायज ठहराते हुए कहा कि दुष्कर्मियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी ही चाहिए। जिस प्रकार इन अपराधियों ने इस अपराध को अंजाम दिया, इन्हें मौत की सजा ही मिलनी चाहिए थी। कानून ने सही समय पर सही कदम उठाया है, जिससे अपराध को रोकने में मदद मिलेगी। नाबालिग अपराधी को भी हो सख्त सजा

वकील रजनी गांधी ने कहा कि दिल्ली में कुछ वर्ष पहले हुए दुष्कर्म के मामले में नाबालिग युवक पर कानून ने नर्मी बरतते हुए सख्त सजा से दूर रखा, जबकि ऐसे अपराध करने वाले सभी आरोपित को सख्त सजा मिलनी चाहिए। नाबालिग पर कतई नरम नहीं बरती जानी चाहिए, क्योंकि नाबालिग बच्चियों को भी हवस का शिकार बनाया जा रहा है तो नाबालिग अपराधियों से नर्मी का कोई आधार नहीं बनता।


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