मनुष्य की आत्मा ज्ञान का खजाना है : नवीन मुनि
संगरूर जैन स्थानक मोहल्ला मैगजीन में संघ संचालक नरेश चंद जी महाराज के आज्ञानुवर्ती नवीन मुनि जी महाराज ने फरमाया कि आत्मा ज्ञान का खजाना है, जो हमारे भीतर है, हम उसे बाहर ढुंढ रहे हैं। अगर हम महापुरुषों की वाणी को ऋृद्धा भाव से सुनेंगे तो हमारे जीवन में परिवर्तन अवश्य आएगा। उन्होंने कहा कि हजमें कानों के कच्चे नहीं बनना। जैसे हमारे काने दो हैं और जुबान एक हैं। उसी तरह हमें अपने कानों से अधिक सुनना चाहिए तथा जुबान से कम बोलना चाहिए। जो भी बोलें मीठा बोलें। अगर हम कम बोलेंगे और मीठा बोलेंगे तो हमारा भविष्य सुंदर बन सकता है।
जागरण संवाददाता, संगरूर : जैन स्थानक मोहल्ला मैगजीन में संघ संचालक नरेश चंद जी महाराज के आज्ञानुवर्ती नवीन मुनि जी महाराज ने फरमाया कि आत्मज्ञान का खजाना है, जो हमारे भीतर है, हम उसे बाहर ढूंढ रहे हैं। अगर हम महापुरुषों की वाणी को श्रद्धा भाव से सुनेंगे तो हमारे जीवन में परिवर्तन अवश्य आएगा। उन्होंने कहा कि हमें कानों के कच्चे नहीं बनना। जैसे हमारे काने दो हैं और जुबान एक हैं। उसी तरह हमें अपने कानों से अधिक सुनना चाहिए तथा जुबान से कम बोलना चाहिए। जो भी बोलें मीठा बोलें। अगर हम कम बोलेंगे और मीठा बोलेंगे तो हमारा भविष्य सुंदर बन सकता है।
नवीन मुनि का जन्म दिन श्रद्धा भक्ति से मनाया गया। उनका जन्म सुनाम में 22 सितंबर 1970 में पिता पारसदास जैन के घर माता गीता रानी जैन की कोख से हुआ। बचपन से ही जैन धर्म के संस्कार थे। गुरुदेव सुदर्शन मुनि महाराज के चरणों में दीक्षा ग्रहण की तथा उस समय से लेकर लगातार जैन धर्म की प्रभावना करते आ रहे हैं। वह अपनी मधुर वाणी से सबको मोह लेते हैं। गुरुदेवों की विशेष कृपा दृष्टि उन पर बनी हुई है तथा अजित मुनि जी महाराज के साथ संगरूर में चार्तुमास हेतु विराजमान हैं।
उनके जन्म दिवस पर रोहतक, रतिया, बुढ़लाडा, उकलाना, सुनाम से बधाई देने के लिए जैन समाज के लोग यहां पहुंचे हुए हैं। इस शुभ अवसर पर संगरूर समाज द्वारा भी सामायिक दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों की गिनती में उन्हें बधाई देने के लिए आए। सभा द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया तथा महाराज जी के संयम में बढ़ोतरी हो इसकी मंगल कामना की गई। इस अवसर पर तपस्या करने वालों को समाज द्वारा सम्मानित भी किया गया। आयमल की लंबी तपस्या में तुषार गोयल 29वें दिन में प्रवेश कर माह स्वमण के बिलकुल करीब पहुंच गया है, उधर इकशनों की तपस्या में जीवन जैन 60, शकुंतला जैन 54, अतुल गोयल 41वें दिन में प्रवेश कर चुके हैं। रोजाना के आयमल की तपस्या में आज का आयमल सतभूषण जैन का है। सभी जैन अजैन अपनी पूर्ण श्रद्धा भक्ति से चार्तुमास का पूरा लाभ ले रहे हैं।