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जीवन में सरल होना सबसे उत्तम : स्वामी शंकर मुनि

जीवन में सरल होना सबसे उत्तम है क्योंकि सरल व्यक्ति हमेशा समाज में बेहतर स्थान हासिल करता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 10:07 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 10:07 PM (IST)
जीवन में सरल होना सबसे उत्तम : स्वामी शंकर मुनि
जीवन में सरल होना सबसे उत्तम : स्वामी शंकर मुनि

संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : जीवन में सरल होना सबसे उत्तम है, क्योंकि सरल व्यक्ति किसी से भी जुड़ने में खुद को सहज महसूस करता है। उक्त विचार स्वामी शंकर मुनि ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रकृति में सरलता होती है। जब कोई फूल खिलता है तो वह दूसरे फूल से अपने सौंदर्य की तुलना नहीं करता। सुंदर व कुरूप का भेद मनुष्य लाते हैं, जिससे उसमें अहंकार की भावना पैदा हो जाती है और समय आने पर अपने ही अहंकार में डूबकर मर जाता है। ऐसे में किसी को एक दूसरे से तुलना नहीं करनी चाहिए। प्रकृति के जितने तत्व हैं, वह सब सरल होकर अपना काम कर रहे हैं। वायु बह रही है, सूर्य रोशनी देता है, पृथ्वी सभी जीवों का पोषण कर रही है, जल अपनी सहजता में है, आकाश कोई अतिरिक्त भेदभाव नहीं करता। यह पांच तत्व मनुष्य के शरीर में मौजूद हैं। ऐसे में अहंकार में आकर तुलना के चक्करों में पड़ना गलत है। सत्य व प्रेम ही खुद व दूसरों के लिए शांति लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि सभी को मिल जुलकर रहने से ही प्रगति संभव है। इंसान धर्म के मार्ग पर चलकर जितना ज्ञान हासिल कर सकता है उतना किसी और माध्यम से नहीं मिल सकता है, क्योंकि इंसान हमेशा माया के जाल में फंसा रहता है, उसके कुछ समय प्रभु सिमरन के लिए भी निकालना चाहिए, इससे मन को शांति मिलती है तथा प्रगति होती है। इसलिए इंसान को हमेशा परोपकारी कामों में आगे रहना चाहिए।

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