संत बादल के समान होते हैं: मुनि जी
जागरण संवाददाता, संगरूर : बुधवार को शासन मुनि श्री विजय कुमार, मुनि श्री रमणीय कुमार व श्रमण श्री सि
जागरण संवाददाता, संगरूर : बुधवार को शासन मुनि श्री विजय कुमार, मुनि श्री रमणीय कुमार व श्रमण श्री सिद्धप्रज्ञ ने गांव खुराणा से विहार करके अपने चातुर्मासिक नगर संगरूर में प्रवेश किया। शोभायात्रा में संगरूर शहर के अनेक श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए। तेरापंथ भवन सुनामी गेट में पधार कर शासन श्री मुनि ने अपने उद्बोधन में फरमाया कि हम चातुर्मास से लगभग एक माह पहले संगरूर में पहुंच गए हैं। 260 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए हिसार से कैथल, चीका, समाना, पातड़ा व भवानीगढ़ में प्रवास करते हुए संगरूर में आज मंगल प्रवेश किया है। समाज को प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि संत बादल के समान होते हैं वह सर्वत्र समान रूप से बरसते हैं, जिसका पात्र जितना बड़ा होता है वह उतना ही ग्रहण कर पाता है। हर व्यक्ति अपने भीतर ग्रहणशीलता को विकसित करे। इस अवसर पर श्रमण जी ने प्रेरणा देते हुए समाज को फरमाया कि संगरूर का जैन समाज बहुत ही जागरुक व तपस्या में काफी आगे सुना है लेकिन अब इस चातुर्मास में हम इसको देखना चाहते हैं कि कौन कितनी तपस्या व धर्माराधना करता है। उन्होंने आगे फरमाया कि मुनि श्री विजय कुमार एक बहुत ही विद्वान संत हैं। आपको उनका ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना चाहिए। इस अवसर पर विजय गुप्ता व सभा के पैटर्न अशोक ¨सगला ने अपने विचार प्रकट करते हुए आने वाले चातुर्मास की सफलता की कामना की। स्वागत गीत का संज्ञान मीना जैन व प्रीति जैन ने किया। श्री अरिहंत जैन सभा अध्यक्ष ने मंच संचालन बाखूबी किया।