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सरकार ने तीन वर्ष का नियम किया लागू तो आत्महत्या करेंग अध्यापक

जागरण संवाददाता, संगरूर : शिक्षा विभाग में डीजीएसई पंजाब के अधीन विभिन्न सोसायाटियों जैसे पि

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Mar 2018 11:08 AM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 11:08 AM (IST)
सरकार ने तीन वर्ष का नियम किया लागू तो आत्महत्या करेंग अध्यापक
सरकार ने तीन वर्ष का नियम किया लागू तो आत्महत्या करेंग अध्यापक

जागरण संवाददाता, संगरूर :

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शिक्षा विभाग में डीजीएसई पंजाब के अधीन विभिन्न सोसायाटियों जैसे पिकट्स, रमसा, एसएसए, मॉडल स्कूल, आइईआरटी, एमडीएम में पिछले एक दशक से सेवाएं निभा रहे अध्यापकों को नियमित करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा तैयार की गई नई पालिसी के विरोध में रविवार को अध्यापकों ने लालबत्ती चौक में चक्का जाम किया। चक्का जाम के दौरान जहां अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, वहीं सरकार का पुतला जलाकर अध्यापकों से की जा रही धक्केशाही हो बंद करने की मांग की। अन्यथा अध्यापक भी आगामी समय दौरान आत्महत्याएं करने को मजबूर होंगे। मुख्य चौक में चक्का जाम के कारण बस स्टैंड में बसों का आवागमन सहित बाजार का ट्रैफिक जाम हो गया, जिस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

धरने को संबोधित करते हुए यूनियनों के प्रतिनिधि कुलदीप कौशल, र¨वदर मंडेर, गुरप्रीत पशोर, गगनदीप, जस¨वदर ¨सह, अमृतपाल ¨सह ने बताया कि घर-घर नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आई कैप्टन सरकार अब पहले से मिले रोजगार भी नौजवानों से छीन रही है। सात वर्ष पहले रेगुलर हुए कंप्यूटर अध्यापकों को फिर से रेगुलर करने पर तुली है। विभिन्न सोसायटी अधीन पंजाब भर में 7 हजार कंप्यूटर अध्यापक व अन्य 15 हजार अध्यापक सेवा निभा रहे हैं। 2005 में ठेके पर भर्ती हुए कंप्यूटर अध्यापक छह वर्ष ठेके पर नाममात्र वेतन पर कार्य करते रहे। 2011 में अकाली-भाजपा सरकार ने पिकट्स में वोकेशनल मास्टर का ग्रेड देकर इन्हें रेगुलर कर दिया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद नोटिफिकेशन हुआ। सात वर्ष के बाद अब सरकार फिर से इन कंप्यूटर अध्यापकों को 10300 रुपये पर काम करने के फरमान सुना रही है। एसएसए व रमसा अधीन 42 हजार रुपये तनख्वाह पर काम करते अध्यापकों को भी सरकार 10300 अधीन लाना चाहती है। सरकार यही नियम एसएस के अधीन दफ्तरी कर्मचारियों पर लागू करने चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के कारण अध्यापक भी आगामी समय में आत्महत्याएं करने को मजबूर होंगे, क्योंकि इतने कम वेतन में घरों का गुजारा बेहद मुश्किल हो जाएगा। यदि सरकार यह नियम जबरी अध्यापकों पर थोपेगी तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। धरने दौरान डीटीएफ, ईटीयू, बीकेयू उगराहां से गुरण ¨सह, बलवीर चंद लोंगोवाल, अध्यापक दल जहांगीर से गुरसिमरत ¨सह, मास्टर काडर यूनियन से रमेश्वर शर्मा आदि उपस्थित थे।


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