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डीसी ने नहीं सुनी फरियाद, आफिस के अंदर ही बैठे गए किसान

संगरूर धूरी की शुगर मिल की तरफ बकाया गन्ना काश्तकारों की 72 करोड़ रुपये से अधिक राशि की अदायगी का मसला हल होता दिखाई नहीं दे रहा है। गन्ना काश्तकार संघर्ष कमेटी ने वीरवार को जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में डिप्टी कमिश्नर संगरूर के कमरे के भीतर व बाहर अनिश्चितकालीन धरना आरंभ किया। दरअसल गन्ना काश्तकार वीरवार को बकाया राशि की अधर में लटकी अदायगी की मांग को लेकर डीसी से मुलाकात करने पहुंचे थे लेकिन डीसी से उनकी अभी बातचीत संपन्न भी नहीं हुई थी कि डीसी घनश्याम थोरी बातचीत अधर में छोड़कर चले गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 06:47 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 11:01 PM (IST)
डीसी ने नहीं सुनी फरियाद, आफिस के अंदर ही बैठे गए किसान
डीसी ने नहीं सुनी फरियाद, आफिस के अंदर ही बैठे गए किसान

जागरण संवाददाता, संगरूर :

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धूरी की शुगर मिल की तरफ बकाया गन्ना काश्तकारों की 72 करोड़ रुपये से अधिक राशि की अदायगी का मसला हल होता दिखाई नहीं दे रहा है। गन्ना काश्तकार संघर्ष कमेटी ने वीरवार को जिला प्रबंधकीय परिसर में डिप्टी कमिश्नर संगरूर के कमरे के भीतर व बाहर अनिश्चितकालीन धरना आरंभ किया।

दरअसल गन्ना काश्तकार वीरवार को बकाया राशि की अधर में लटकी अदायगी की मांग को लेकर डीसी से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन डीसी से उनकी अभी बातचीत संपन्न भी नहीं हुई थी कि डीसी घनश्याम थोरी बातचीत अधर में छोड़कर चले गए। दोबारा डीसी के वापस न लौटने पर डीसी से बात करने गए संघर्ष कमेटी के सात सदस्य डीसी के कमरे में ही जमीन पर धरने पर बैठ गए, वहीं अन्य किसान भी मौके पर पहुंचे व उन्होंने कमरे के बाहर पक्का धरना लगा लिया। इस मौके पर धरनाकारियों ने एलान किया कि जब तक उन्हें बकाया राशि की अदायगी के लिए पुख्ता भरोसा नहीं दिलाया जाएगा, तब तक संघर्ष जारी रखा जाएगा। धरने दौरान गन्ना काश्तकारों ने पंजाब सरकार, जिला प्रशासन व मिल मालिक के खिलाफ नारेबाजी की।

गौर हो कि उक्त काश्तकारों ने बकाया करोड़ों रुपये की अदायगी के लिए संगरूर-धूरी रोड पर 19 दिन तक पक्का धरना, सात दिन मरणव्रत व 24 घंटे धूरी के एसडीएम दफ्तर का घेराव करके एसडीएम सहित अन्य स्टाफ सदस्यों को बंधक बनाकर रखा था, जिसके बाद प्रशासन ने पड़ाव दर पड़ाव काश्तकारों को अदायगी का भरोसा दिलाकर संघर्ष समाप्त करवाया था।

धरने दौरान गन्ना काश्तकार संघर्ष कमेटी के प्रतिनिधि निर्भय सिंह ने बताया कि इलाके के हजारों की गिनती में गन्ना काश्तकार अपना गन्ना शुगर मिल धूरी को बेचते हैं, जिसकी शुगर मिल की तरफ 72 करोड़ रुपये व 10 करोड़ रुपये पंजाब सरकार की तरफ बकाया है। बकाया राशि अदायगी के लिए 12 अप्रैल तक का डीसी ने काश्तकारों को भरोसा दिलाया था, लेकिन अदायगी नहीं हुई।

आज दोपहर को गन्ना काश्तकार संघर्ष कमेटी के प्रतिनिधि सरबजीत सिंह अलाल पूर्व सरपंच, हरजीत सिंह बुगरा, अवतार सिंह तारी, सतवंत सिंह भद्दलवड़, अमृतपाल सिंह गलवटी, जगजीत सिंह मीरहेड़ी, बलविदर सिंह चांगली डीसी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन डीसी ने उनकी पूरी बात भी नहीं सुनी और उठ कर चले गए।

उन्होंने कहा कि संगरूर व बरनाला सहित अन्य आसपास के इलाके से हजारों की गिनती में गन्ना काश्तकार शुगर मिल को गन्ना देते हैं, लेकिन पिछले वर्ष की अदायगी भी लटक रही है। पेमेंट न मिलने की वजह से गन्ना काश्तकार बदहाली के दौैर से गुजर रहे हैं, जबकि मिल पूरी तरह से मुनाफे में चल रही है। जिस पर धरनाकारी गन्ना काश्तकारों ने एलान किया कि जब तक अदायगी नहीं होगी, तब तक वह डीसी के कमरे व बाहर धरने पर डटे रहेंगे। अगर मौके पर पुलिस या प्रशासन ने किसी प्रकार की धक्केशाही करने का प्रयास किया तो इसका सख्त जवाब दिया जाएगा। शाम साढे छह बजे यूनियन के कुछ प्रतिनिधि डीसी से मुलाकात के लिए उनके घर के लिए रवाना हुए। शाम तक धरना जारी रहा।

उधर, एसपी (डी) हरिदर सिंह, डीएसपी सतपाल शर्मा, एसएचओ सिटी संजीव कपूर, थाना सदर संगरूर से गुरमीत सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे। पुलिस ने डीसी दफ्तर को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया तथा दफ्तर की छत को जाते रास्तों पर भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया, ताकि कोई भी किसान छत पर न चढ़ सकें। खबर लिखे जाने तक धरना जारी रहा।

इनसेट

गन्ने का अदायगी न हुआ तो करेंगे संघर्ष: ढींडसा

संगरूर: पूर्व वित्तमंत्री व अकाली-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार परमिदर सिंह ढींडसा ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि धूरी शूगर मिल द्वारा किसानों की गन्ने की शेष अदायगी तुरंत जारी करे। गन्ने की अदायगी में देरी करने की चाल किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसानों को अदायगी में देरी का गंभीर नोटिस लेते किसानों से किया जा रहा धक्का बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ढींडसा ने कहा कि किसानों ने जबरदस्त संघर्ष शुरू करके सरकार पर गन्ने की अदायगी के लिए दबाव डाला था। किसानों से हुए समझौते मौके वह खुद डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर में मौजूद थे। जिला प्रशासन ने शूगर मिल के मालिकों द्वारा गन्ने की अदायगी किश्तों के रूप में किसानों को अदा करने का विश्वास दिलाया था। जिला प्रशासन के विश्वास सदका ही किसानों ने लंबे समय तक चला संघर्ष वापस लिया था। उन्होंने किसानों की आवाज बुलंद करते चेतावनी देते कहा कि यदि प्रशासन ने टालमटोल की नीति जारी रखी तो इसके गंभीर परिणाम की जिम्मेवारी प्रशासन की होगी। यदि प्रशासन ने गन्ने की शेष रकम की अदायगी तुरंत जारी न की, तो अकाली-भाजपा गठबंधन संयुक्त तौर पर संघर्ष करेगा।


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