मालेरकोटला रहा पूर्ण बंद, बाकी हिस्सों पर नहीं पंजाब बंद का असर
संगरूर नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में शिअद (अ) दल खालसा व अन्य सिख संगठनों ने प्रदर्शन किया।
जागरण टीम, संगरूर : नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में शिअद (अ), दल खालसा व अन्य सिख संगठनों द्वारा पंजाब बंद के दिए गए आह्वान के तहत शनिवार को मालेरकोटला में बंद का असर देखने को मिला, जबकि बाकी जिले भर में बंद बेअसर रहा। मालेरकोटला में शिरोमणि अकाली दल अमृतसर द्वारा दिए गए पंजाब बंद के आह्वान तहत ज्वाइंट एक्शन कमेटी सहित अन्य जतेबंदियों द्वारा दिया सहयोग सदका शहर के विभिन्न स्कूल, कारोबारी संस्थाएं, सब्जी मंडी, बस स्टैंड पूर्ण तौर पर बंद रहे।
शहर के बाजारों में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष रैली निकाली गई तथा नागरिकता संशोधन एक्ट को रद करने की मांग दोहराई। रोष रैली को संबोधित करते हुए जत्थेदार हरदेव सिंह, बलजिदर सिंह, गुरमुख सिंह, मोहम्मद फारूक, मोहम्मद रजाक, मोहम्मद नदीम, मोहम्मद अख्तर, सकील राना ने कहा कि यह रैली केंद्र सरकार के एनसीआर, एनपीआर व सीएए जैसे कानूनों को रद करवाने के लिए की गई है। मोदी सरकार प्रत्येक फ्रंट पर फेल साबित हुई है। देश आर्थिक तौर पर कंगाल हो चुका है। नौजवान बेरोजगार सड़कों पर घूम रहे हैं। लोगों का ध्यान इन मुद्दों से हटाने के लिए मोदी ने चाल के तहत कानून बनाए गए हैं। इसका देश का संविधान बिल्कुल इजाजत नहीं देता है लेकिन आज देश का प्रत्येक वर्ग जाग चुका है। रोष मार्च सरहंदी गेट से शुरू कर शहर के विभिन्न बाजारों से होता हुआ दिल्ली गेट पर पहुंचाकर संपन्न हुआ। संगरूर में शिरोमणि अकाली दल (अ), दल खालसा व अन्य जत्थेबंदियों द्वारा सीएए पर मोदी सरकार के खिलाफ बाजारों में रोष मार्च करने उपरांत महावीर चौक में धरना लगाया। संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सड़क के एक तरफ धरना लगाया, जबकि बाकी आवाही निर्विघ्न चालू रही। शिअद (अ) के जिला इंचार्ज सुखजिदर सिंह, जत्थेदार गुरनैब सिंह, हरजीत सिंह संजूमा व करनैल सिंह नारीके ने कहा कि मोदी सरकार हिदू राष्ट्र का एजेंडा लेकर चल रही है। जिसे पंजाब में कभी भी सफल नहीं होने दिया जाएगा। पब्लिक को बंद के दौरान पेश आने वाली मुश्किलों के मद्देनजर बाजारों को बंद नहीं करवाया गया है व न ही ट्रैफिक में बिघ्न डाला गया है। केवल शांतिपूर्वक रोष मार्च निकालकर मोदी सरकार के रवैये के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की गई है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीति देश विरोधी है। उन्होंने बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर के मुद्दे को उछालकर हिदू व मुस्लिम भाइचारे में दरार पैदा करने की कोशिश को रोकने, नागरिकता संशोधन एक्ट वापस लेने की मांग की। उन्होंने यूनिवर्सिटी छात्रों पर किए लाठीचार्ज, रविदास मंदिर के गिराने व राजनीतिक सिख कैदियों को रिहा करने से मुकरने पर निदा की। मूनक के बैरियर चौंक में शिरोमणि अकाली दल (अ), बहुजन मुक्ति मोर्चा व अल्पसंख्यक मुस्लिम र्भाइचारे द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ काली झंडियां लेकर नारेबाजी की गई। जिला सचिव ज्ञानी ज्ञान सिंह बंगा व मुस्लिम फ्रंट पंजाब के महासचिव अजीज मोहम्मद बादलगढ़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल सही तरीके से लागू नहीं किया है। बिल में लंबे समय से भारत में रहते मुस्लमानों को भी शामिल करना जरूरी था, जो लोग आदिवासी हैं उनके पास देश का कोई भी नागरिकता का सबूत नहीं हैं। जिससे वह नागरिकता बिल के तहत बाहर हो जाएंगे। इसलिए इस बिल को रद किया जाए। इस बिल की देश को र्कोइ जरूरत नहीं है, जिसके तहत शहर में रोष प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने एसएचओ गुरमीत सिंह मूनक को ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद धरने को समाप्त कर दिया गया। उधर, लहरागागा में जत्थेबंदियों द्वारा लहरा सुनाम हाईवे गागा नहर पर धरना देते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।