धान डकार गया भूजल, डार्क जोन में पहुंचा संगरूर
संगरूर पंजाब भर में सबसे अधिक धान का उत्पादन करने में जिला संगरूर जहां सबसे आगे रहा है।
जागरण संवाददाता, संगरूर
पंजाब भर में सबसे अधिक धान का उत्पादन करने में जिला संगरूर जहां सबसे आगे रहा है, वहीं धान की लगातार बिजाई करके संगरूर जिले का भूजल स्तर भी लगातार गिर रहा और जिला डार्क जोन में पहुंच चुका है। संगरूर जिले के दस जोन में से नौ जोन डार्क जोन बन चुके हैं। भूजल स्तर को बचाने के लिए खेतीबाड़ी विभाग किसानों को कम से कम समय में पकने वाली धान की किस्में बीजने व सीधी बिजाई के लिए जागरूक तो कर रही है, लेकिन पर्याप्त मशीनरी के अभाव कारण जिले के पूरे रकबे को सीधी बिजाई में तबदील करना आसान नहीं है। जिला संगरूर में 2.76 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे पर धान की बिजाई की जाती है। जून माह की शुरूआत से ही धान की बिजाई का दौर आरंभ हो जाएगा। किसान जहां धान की बिजाई के लिए लेबर की तलाश में जुटे हैं, वहीं प्रशासन किसानों को सीधी बिजाई के लिए लामबंद करने की मशक्कत कर रहा है। इस बार लेबर की किल्लत किसानों सहित खेतीबाड़ी विभाग के लिए बड़ी सिरदर्दी बनी हुई है। खेतीबाड़ी विभाग का अनुमान 40 हजार हेक्टेयर रकबे में सीधी बिजाई के लिए प्रयासरत है। पंचायतों व खेत मजदूरों में फंस रहे पेंच, नहीं कोई समाधान
धान की लगवाई के रेट को लेकर इस बार किसानों व खेत मजदूरों के बीच पेंच फंसे हुए हैं। किसानों के हक में जहां पंचायतें तीन हजार से 3500 रुपये प्रति एकड़ के बीच रेट तय कर रही हैं, वहीं खेत मजदूर पांच हजार रुपये प्रति एकड़ से अधिक रेट मांग रहे हैं। सुनाम के नजदीकी गांव गोबिदपुरा नागरी में धान लगवाई का रेट पंचायत ने 2700 रुपये प्रति एकड़ तय किया है, इसका उल्लंघन करने पर खेत मजदूरों के सामाजिक बायकाट की धमकी देने का मामला एससी कमीशन के पास पहुंचा है। कमीशन ने एसडीएम सुनाम को इस मामले की जांच करवाकर तुरंत पांच मई तक रिपोर्ट एससी कमीशन के समक्ष पेश करने के आदेश दिए हैं। मजदूर मुक्ति मोर्चा के प्रांतीय नेता गोबिद सिंह छाजली ने पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की मांग की है।
40 हजार एकड़ में सीधी बिजाई का लक्ष्य, 315 मशीनें मौजूद
जिला खेतीबाड़ी अफसर जसविदरपाल सिंह ग्रेवाल ने कहा कि विभाग के पास 315 मशीनें मौजूद हैं, जिनकी मदद से किसान सीधी बिजाई कर सकते हैं। पिछले वर्ष दो हजार एकड़ में सीधी बिजाई की गई थी। इस बार 40 हजार हेक्टेयर में सीधी बिजाई करवाई जाएगी। पिछले वर्ष सीधी बिजाई करने वाले किसान इस बार भी सीधी बिजाई ही करेंगे। इस बार खेत मजदूर पांच हजार से अधिक प्रति एकड़ दिहाडी मांग रहे हैं, जिसके चलते किसानों के लिए सीधी बिजाई बेहद सस्ती व किफायती है। धान की लागत, मजदूरों की दिहाड़ी व पानी की बचत होगी, जिसका किसानों को लाभ लेना चाहिए। किसान कम समय में कम पानी लागत से पकने वाली किसानों को अपनाकर उनकी ही बिजाई करें। किसानों को खेती मशीनी पर सब्सिडी भी मुहैया करवाई जा रही है, जिसका किसान लाभ प्राप्त करें। छोटे किसान मशीनरी खरीदे से असमर्थ : मंगवाल
किसान गोबिदर सिंह मंगवाल ने बताया कि छोटे व मध्यवर्गीय किसानों के लिए सीधी बिजाई बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन अगर सरकार मशीनों का प्रबंध करके किसानों के खेतों में सीधी बिजाई करें तो, अन्यथा हर किसान के लिए सीधी बिजाई करने वाली मशीनें खरीदने की क्षमता नहीं है। किसानों को सीधी बिजाई के लिए प्रेरित करने के साथ ही विभाग मशीनरी का पुख्ता प्रबंध करने पर ध्यान केंद्रीय करे। लेबर का प्रबंध करे सरकार या तय करे रेट
किसान महेंद्र सिंह मटरां, मक्खन सिंह कनोई, बूटा सिंह रटोलां, हरचरण सिंह उभिया ने मांग की कि लेबर की किल्लत के मद्देनजर पंजाब सरकार जल्द से जल्द उत्तर प्रदेश के सीएम से बैठक करके लेबर लाने का प्रबंध करें, अन्यथा धान की लगवाई का रेट तय किया जाए, ताकि इस मुश्किल दौर में किसानों का शोषण न हो सकें। धान की बिजाई के लिए पावरकॉम पर्याप्त बिजली सप्लाई प्रदान करें, ताकि समय पर धान की बिजाई किसान कर सकें।