संगरूर-बरनाला कैंचियां रेलवे ओवरब्रिज की लाइटें बंद, राहगीर परेशान
सर्दी का सीजन चर्म सीमा पर है। रात के समय घनी धुंध छा जाती है।
नवदीप सिंह, संगरूर
सर्दी का सीजन चर्म सीमा पर है। रात के समय घनी धुंध छा जाती है। ऐसे में सड़क पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होना जरूरी है, लेकिन संगरूर-बरनाला कैचियां रेलवे ओवर ब्रिज पर लगी स्ट्रीट लाइटों की आंख मिचौली के कारण रात को अंधेरा छाया रहता है। इससे किसी भी समय हादसा हो सकता है।
करीब चालीस फीट ऊंचे रेलवे ओवर ब्रिज के दोनों तरफ लगी आधे से ज्यादा लाइटें काम नहीं कर रहीं। एक तरफ की कुछ लाइटें चालू रहती हैं, बाकी बंद हैं। ब्रिज के भीतरी दुकानदारों मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, अजय कुमार ने आदि ने बताया कि सर्दी का सीजन चल रहा है। ऊपर से धुंध व ओस की वजह से सामने आ रहा वाहन दिखाई नहीं देता। इसके अलावा मोड़ पड़ने के कारण एकदम वाहन सामने आ जाते हैं। लाइटें न जलने से रात के समय हादसे होने का खतरा रहता है। ओवरब्रिज की ऊंचाई पर वाहनों का वैसे ही नियंत्रण होना मुश्किल होता है। अगर अंधेरा हो तो स्थिति और भयानक बन जाती है। रेलवे ओवर ब्रिज पर कई स्ट्रीट लाइट लगी हुई जिनमें कई बंद हैं, कई सारी रात जलती और बुझती रहती हैं। उन्होंने कहा कि पटियाला, भवानीगढ़, संगरूर से आगे बरनाला व बठिडा तक पहुंचने का यही एकमात्र मुख्य मार्ग है। रोजाना हजारों वाहन ब्रिज के उपर से होकर गुजरते हैं। लोगों ने ओवरब्रिज पर लगी स्ट्रीट लाइट को सही तरीके से चालू करवाने की मांग की है। ---------------------
अंधेरे में लूट का डर
शहर निवासी मुकेश कुमार, राजदीप अरोड़ा व हरदेव सिंह ने बताया कि उनका रोजाना शाम व रात के समय ब्रिज पर आना जाना रहता है लेकिन लाईटें न जगने से होने से लूटपाट का डर बना रहता है। धुंध व औस की वजह से स्ट्रीट लाइटों में खराबी आने की शिकायतें अधिक बढ़ गई हैं।