Move to Jagran APP

खंडहर बनी पावरकॉम दफ्तर की इमारत, हथेली पर मुलाजिमों की जान

संवाद सूत्र मूनक (संगरूर) सरकार को सबसे अधिक रिवेन्यू प्रदान करने वाले पावरकॉम के दफ्तर में कर्मचारी कर रहे काम।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 10:20 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 10:20 PM (IST)
खंडहर बनी पावरकॉम दफ्तर की इमारत, हथेली पर मुलाजिमों की जान
खंडहर बनी पावरकॉम दफ्तर की इमारत, हथेली पर मुलाजिमों की जान

संवाद सूत्र, मूनक (संगरूर) :

loksabha election banner

सरकार को सबसे अधिक रिवेन्यू प्रदान करने वाले पावरकॉम के दफ्तरों की हालत बद से बदतर होती जा रही है, लेकिन इनकी मरम्मत या इमारतों के नवीनीकरण की तरफ न तो सरकार का ध्यान है तथा न ही पावरकाम मैनेजमेंट का। हालात ऐसे हैं कि खस्ताहाल दफ्तरों में बैठकर ही मुलाजिम ड्यूटी देने को मजबूर हैं, लेकिन जर्जर इमारतों में मुलाजिमों की जान हथेली पर ही टिकी है। ऐसे ही हाल मूनक के पावरकाम दफ्तर का है, जहां इमारत खंडहर बनती जा रही है, लेकिन इस पर कोई ध्यान देना वाला नहीं है। खंडहर बन रही पावरकाम विभाग के कार्याल्य की इमारत की छतों से पलस्तर भी गिरने लगा है। जहां पर काम करने वाले कर्मचारी व अफसर मौत के मुंह में रोजाना कार्य करते हैं। लेकिन फिर भी सरकार व कोई जिम्मेदार अधिकारी बिल्डिग की हालत जानते हुए भी कोई एक्शन नहीं ले रहा है। किसी भी समय र्कोइ भयानक हादसा हो सकता है।

इमारत में ड्यूटी देते मुलाजिम भरपूर सिंह ने बताया कि यह बिल्डिग करीब पांच दशक से अधिक पुरानी है। उनका यहां काम करना मजबूरी है। इमारत इतनी खस्ताहाल हो चुकी है कि छत से मलबे के हिस्से टूटकर नीचे गिर रहे हैं। सारा दिन रेत नीचे गिरती रहती है, जिससे काम करने में परेशानी होती है। उन्होंने मांग की कि सरकार व संबंधित विभाग इमारत की मरम्मत करवाने को गंभीर नहीं है। नई बिल्डिग का निर्माण करवाकर अधिकारियों व कर्मचारीयों की सुरक्षा को यकीनी बनाए। अगर कोई काम दौरान हादसा होता है तो उसके लिए सरकार व विभाग जिम्मेदार होगा।

पावरकॉम के एसडीओ आशीश कुमार ने कहा कि दफ्तर की इमारत की मियाद खत्म हो चुकी है। इस इमारत में बग्गा व मूनक दो डिवीजन के दफ्तर चल रहे हैं व यहां पर हर दिन लोग अपना कामकाज करवाने के लिए आते हैं। ऐसे मे इमारत की खस्ता हालत मुलाजिमों व आम लोगों के लिए खतरा बनी हुई है। इस बाबत लिखित तौर पर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। मांग की जाएगी कि इमारत की मरम्मत करवाई जाए, या दफ्तर को अन्य जगह दी जाए, ताकि मुलाजिम बेफिक्र होकर ड्यूटी दे सकें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.