सेखों कॉलोनी में सुविधाओं का सुख नहीं
शहर को शत-प्रतिशत सीवरेज व पेयजल सुविधा से लैस करने के लिए वर्ष 2016 से आरंभ किए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के तहत शहर के हर इलाके को कवर करने के दावे किए जा रहे हैं।
सुखदेव पवार, संगरूर
शहर को शत-प्रतिशत सीवरेज व पेयजल सुविधा से लैस करने के लिए वर्ष 2016 से आरंभ किए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के तहत शहर के हर इलाके को कवर करने के दावे किए जा रहे हैं। जबकि शहर के अंतिम छोर पर स्थापित वार्ड 25 की सेखों कॉलोनी अभी भी सीवरेज व पेयजल की सुविधा को तरस रही है। इस वार्ड के अधिकतर हिस्से को सीवरेज प्रोजेक्ट में कवर कर लिया गया है, जबकि इस कॉलोनी में अभी भी सीवरेज व्यवस्था का अभाव है। ऐसे में शहर के बीच होने के बावजूद यहां से लोग खुद को ठगा का महसूस कर रहे हैं व मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है। साथ ही कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटें, पक्की गलियां, बरसाती पानी की निकासी का भी प्रबंध नहीं है, जिस कारण यहां के लोग बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं।
20 वर्ष पहले अस्तित्व में आए वार्ड 25 की सेखों कॉलोनी में अभी भी लोग पेयजल व सीवरेज सुविधा के वंचित हैं। एक तरफ सरकार खुले में शौचमुक्त भारत के निर्माण के दावे करती हैं, वहीं इस क्षेत्र में सीवरेज न होने के कारण लोगों को अस्थायी शौचालयों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। शहर में करोड़ों की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के तहत इलाकों में सीवरेज लाइन, पीने के पानी की पाइपलाइन डालने सहित गलियों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन यहां कोई भी सुविधा नहीं है। कॉलोनी से 500 मीटर की दूरी पर ही सीवरेज का कार्य बंद हो गया है।
नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे कॉलोनी के लोग
कॉलोनी निवासी हमीर सिंह, करण सिंह, बलिहारी दास, सुखदेव सिंह, रमिदर सिंह दुल्लट, लखविदर सिंह, रमेश कुमार, समाई राम, काका दास, सुखजिदर सिंह, कुर्बान खान, कुलविदर सिंह, बहादर सिंह, इंदरजीत सिंह, चुनी लाल, लक्षमन दास, सतवीर सिंह, शाह फैशल व सलमान खान ने बताया कि नगर कौंसिल, प्रशासन व सरकारों की अनदेखी के कारण वह नारकीय जीवन बसर करने पर मजबूर हैं। सीवरेज के अभाव के कारण घरों में कच्ची गरकियां बनाई हुई हैं। बारिश के दिनों में गलियों में कीचड़ से गड्ढ़े पड़ जाते हैं। विडंबना यह है कि सीवरेज की लाइन मात्र 500 मीटर की दूरी पर व पेयजल की पाइपलाइन 100 मीटर की दूरी तक है। गलियों में स्ट्रीट लाइटें न होने के कारण रात के समय रोशनी का कोई प्रबंध नहीं हैं। रात को अप्रिय घटना का भी डर बना रहता है।
महिलाएं पानी की किल्लत से बेहद परेशान
मनजीत कौर, रानी, मनदीप कौर, संध्या रानी, पुष्पा ने कहा कि कच्ची गलियों के कारण बारिश के दिनों में कीचड़ के कारण घरों से बाहर जाना मुश्किल हो जाता है। जिन लोगों के घरों में समर्सिबल पंप हैं वह ही अन्य घरों को पीने के लिए पानी मुहैया करवाते हैं जो लोग समर्सिबल लगाने में असमर्थ हैं वह दूसरों पर पेयजल के लिए निर्भर हैं। लोगों ने सीवरेज के अभाव के कारण घरों के बाहर गली में खाल बनवा रखे हैं जब गंदे पानी से खाल भर जाते हैं तो महिलाएं को ही इसकी सफाई करनी पड़ती है। शहर में तेजी से विकास हो रहा है मगर वह मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला के समक्ष भी रखा मुद्दा
वार्ड 25 की पार्षद हरविदर कौर ने कहा कि कॉलोनी को सुविधाएं प्राप्त करवाने के लिए सीवरेज बोर्ड के एक्सईएन, एसडीओ, डीसी, कैबिनेट मंत्री विजयइंदर सिगला सहित अन्य अधिकारियों को मिल चुके हैं, मगर उनकी समस्याओं का किसी ने समाधान नहीं किया। हाल ही में कॉलोनी निवासियों ने अपनी समस्याओं से अवगत करवाने के लिए कैबिनेट मंत्री को प्रार्थना पत्र दिया था, मगर कैबिनेट मंत्री ने भी कोई सार्थक जवाब नहीं दिया। सूचि में नहीं है यह इलाका : एक्सईएन
सीवरेज विभाग के एक्सईएन महेश कुमार चावला ने कहा कि कॉलोनी में सीवरेज पाइपलाइन डालने का कार्य कंपनी द्वारा किया जा रहा है। सीवरेज प्लांट डालने के मैप में यह कॉलोनी नहीं है। कॉलोनी में पेयजल की पाइपलाइन तकरीबन एक माह में डाल दी जाएगी।