लक्खा सिधाना ने किसानों में भरा उत्साह, दिल्ली रवाना हुआ
26 जनवरी को दिल्ली हुई हिसक घटना के मामले में वांछित लक्खा सिधाना ने लोगों का बढ़ाया उत्साह।
जागरण संवाददाता, संगरूर
26 जनवरी को दिल्ली हुई हिसक घटना के मामले में वांछित लक्खा सिधाना शुक्रवार को सैकड़ों युवाओं के काफिले के साथ संगरूर के मस्तुआना साहिब से दिल्ली के लिए रवाना हुआ। कुछ समय के दिल्ली के किसान आंदोलन से दूरी बनाकर चल रहा लक्खा सिधाना ने एक बार फिर दिल्ली की तरफ कूच कर ली और नौजवानों से अपील की कि दिल्ली किसान मोर्चे को फतेह करने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए। नौजवानों का काफिला लेकर मस्तुआना से दिल्ली सिघु बार्डर के लिए रवाना हुए मोर्चे में सैकड़ों की गिनती में नौजवान, नौजवान किसान अपने वाहनों के साथ शामिल हुए और कई किलोमीटर लंबा गाड़ियों का काफिला लक्खा सिधाना के साथ दिल्ली की तरफ बढ़ा।
नौजवानों को संबोधित करते हुए लक्खा सिद्धाना ने कहा कि सभी का फर्ज बनता है कि हम किसानों के साथ जुड़ें। किसान आंदोलन को जिताना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह पंजाब, किसान, नौजवानों, मजदूरों व इससे जुड़े हर वर्ग के भविष्य का सवाल है। किसान मोर्चा पूरी तरह से मजबूत है। किसी में किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं है। नौजवान इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर अपनाया योदगान डालें। नौजवानों को लक्खा सिधाना के लिए नहीं, बल्कि अपने अस्तित्व के लिए लड़ना है। अगर पुलिस उसे इस मार्च के दौरान गिरफ्तार भी कर लेती है तो घबराने या टूटने की जरूरत नहीं है, बल्कि और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ें व किसान आंदोलन में शामिल होकर इसे मजबूत बनाकर जीत की तरफ लेकर चलें।
उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार ने एफसीआई के माध्यम से किसानों पर लैंड रिकार्ड व अब गेहूं की खरीद की सीधी अदायगी किसानों का फरमान सुना रहा है, यह सरासर किसानों व आढ़तियों को बर्बाद करने का षड़यंत्र है। इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पहले बारदाने की कमी व फिर चावल लगाने की शर्तों में फेरबदल किए गए। केंद्र सरकार पंजाब के किसानों को बर्बाद करने पर तुली है, जिसे केवल किसान ही बचा सकता है। किसानों का संघर्ष जीत की तरफ बढ़ रह है, लेकिन राजनीतिक पार्टियां इसे असफल करने के लिए षड़यंत्र रच रही है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। नौजवानों को पूरी सतर्कता बरतनी होगी, ताकि जीत की तरफ बढ़ रहे इस आंदोलन को पथ से भटकने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह नौजवानों का काफिला इस बात का सबूत है कि पंजाब की धरती से आरंभ हुआ यह जनआंदोलन जीत के साथ ही समाप्त होगा। इस अवसर पर हरजिदर सिंह माझी, सुरजीत फुल ने कहा कि रास्ते में नौजवानों का काफिले और साथ जुड़ेगा व किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा।