हड़ताल पर मिनिस्ट्रीयल मुलाजिम, कामकाज ठप, लोग होते रहे परेशान
पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज यूनियन की राज्य कमेटी के आह्वान पर मुलाजिमों ने एक सप्ताह के लिए सरकारी दफ्तरों का कामकाज ठप कर दिया।
जागरण संवाददाता, संगरूर : पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज यूनियन की राज्य कमेटी के आह्वान पर मुलाजिमों ने एक सप्ताह के लिए सरकारी दफ्तरों का कामकाज ठप कर दिया। अब दफ्तरों में आम लोगों का कामकाज 18 अक्टूबर से पहले नहीं होगा। मुलाजिमों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को भी लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोग रोजाना की भांति दफ्तरों में काम करवाने के लिए पहुंचे, लेकिन मुलाजिमों की हड़ताल के चलते उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। हड़ताल के कारण दफ्तरों की पांच सौ से अधिक फाइलें अटक गई हैं, जिसे अब निकलने के लिए सप्ताह भर इंतजार करना होगा।
अपनी मांगों की पूर्ति के लिए पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रियल सर्विसज यूनियन के जिला प्रधान राकेश शर्मा, राजवीर बडरुखां महासचिव, बलविदर सोही सरप्रस्त, बलविदर अतरी चेयरमैन, इकबाल सिंह मुख्य सलाहकार, प्रेस सचिव अनुज शर्मा, नवीन परासर वित्त सचिव, गुरसंत सिंह अतिरिक्त वित सचिव की अगुआई में मुलाजिमों ने डीसी कार्यालय संगरूर के समक्ष रैली करके कलमछोड़ हड़ताल की शुरुआत की। राज्य प्रधान वासवीर भुल्लर ने कहा कि सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही। ऐसे में संगठन द्वारा आठ अक्टूबर से लेकर 17 अक्टूबर तक समूह कार्यालयों का कामकाज ठप कर हड़ताल की है। गठित कमेटी द्वारा विभिन्न कार्यालयों में जाकर मुलाजिमों को लामबंद किया। जिला कार्यकारिणी नेता शेर सिंह, गुरसंत सिंह अतिरिक्त वित सचिव, गगन गोयल खजाना अफसर, सियासत सिंह, तरसेम खन्ना सलाहकार, अशीश कुमार हेल्थ विभाग, इकबाल सिंह मुख्य सलाहकार आदि मौजूद थे। यह है मांगें
बेसिक वेतन में 125 प्रतिशत डीए मर्ज कर उस पर 20 प्रतिशत बढ़ोतरी दी जाए, 2.25 और 2.59 बढ़ोतरी रद्द की जाए, 3.01 बढ़ोतरी के साथ सभी मुलाजिमों व अधिकारियों के लिए फार्मूला लागू किया जाए, सेंटर पैट्रन पर छठे वेतन कमिशन की महंगाई किस्तों को नोटिफिकेशन जारी किया जाए, काटे गए भत्ते दोगुने किए जाएं, 2004 के बाद भर्ती मुलाजिमों की पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए, कच्चे मुलाजिम पक्के किए जाएं, जबरी डेवलपमेंट टैक्स बंद किया जाए, पेडिग किस्तें बकायें सहित बहाल की जाएं।