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भूमिहीन गरीबों को दी जाए पंचायती व सरकारी जमीन : छाजली

मजदूर मुक्ति मोर्चा पंजाब की अगुआई में महिलाओं के कर्ज माफी व मजदूर अधिकारों के लिए शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिगला के आवास के समक्ष रविवार से 15 दिवसीय पक्का मोर्चा आरंभ हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 05:39 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 05:39 PM (IST)
भूमिहीन गरीबों को दी जाए पंचायती व सरकारी जमीन : छाजली
भूमिहीन गरीबों को दी जाए पंचायती व सरकारी जमीन : छाजली

जागरण संवाददाता, संगरूर

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मजदूर मुक्ति मोर्चा पंजाब की अगुआई में महिलाओं के कर्ज माफी व मजदूर अधिकारों के लिए शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिगला के आवास के समक्ष रविवार से 15 दिवसीय पक्का मोर्चा आरंभ हो गया। इसके अलावा बठिंडा में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर के समक्ष भी पक्का मोर्चा लगाया गया। मजदूरों ने मांग की कि पंजाब सरकार महिला मजदूरों के कर्ज माफ करे। साथ ही पंचायती, सरकारी जमीन भूमिहीन गरीबों को रिहायश व गुजारे के लिए वितरित करे।

धरने को संबोधित करते हुए मजदूर मुक्ति मोर्चा पंजाब के प्रांतीय उपप्रधान गोबिद सिंह छाजली ने कहा कि दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की हिमायत के साथ-साथ पंजाब की कैप्टन सरकार के अनुसूचित जाति वर्ग के प्रति वादाखिलाफी व मजदूरों को हक दिलाने हेतु आंदोलन तेज किया जाएगा। कैप्टन अमरिदर सिंह केंद्र सरकार के खिलाफ बोलकर अपनी कमियों को छुपाना चाहते हैं। राज्य में बिजली के रेट आधे करने के दावे करने वाली कैप्टन सरकार ने हजारों रुपये के बिल मजदूरों को भेजकर मजदूरों का शोषण किया है। बुढ़ापा पेंशन 2500 रुपये महीने करने की बजाए बुजुर्गों को नोटिस भेजकर पेंशन के तौर पर दी गई रकम भी वापस मांगी जा रही है। उन्होंने कहा कि खेती कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों के हक में आवाज बुलंद करने वाली कांग्रेस, अकाली दल व आम आदमी पार्टी के नुमाइंदे किरत कानून में संशोधन पर चुप्पी साधे हुए हैं। इससे साफ है कि किसान पक्षीय होने वाले कांग्रेसी, अकाली व आप नेता मजदूर विरोधी हैं। उन्होंने महिलाओं के सिर पर चढ़े प्राइवेट फाइनांस कंपनियों के कर्जे समेत गरीबों के कर्जे माफ करने, गरीबों को भेजे गए हजारों रुपये के बिजली बिल माफ करने, बिजली रेट आधे करने, खेती कानूनों सहित किरत कानूनों में किए गए संशोधन को रद करने की मांग की।

इस मौके पर गुरविदर नंदगढ़, गुरचरण सिंह, रुड़ेके, रानी कौर, बब्बू, मनजीत कौर धर्मगढ़, स्वर्ण सिंह, कुलविदर सिंह रेतगढ़, लखवीर कौर लड्डा, घमंड सिंह उगराहां, बिट्टू खोखर आदि उपस्थित थे।


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