Citizenship Amendment Bill के विरोध में मालेरकोटला बंद, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात
Citizenship amendment bill 2019 के विरोध में मुस्लिम संगठनों के बंद के आह्वान पर मालेरकोटला पूरी तरह से बंद है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा।
जेएनएन, मालेरकोटला। Citizenship amendment bill 2019 के खिलाफ शुक्रवार को मालेरकोटला पूर्णरूप से बंद रहा। इस संदर्भ में सरहंदी गेट में मुस्लिम भाईचारे ने जुमे की नमाज अदा करने के बाद रोष प्रदर्शन किया। इसके अलावा बार एसोसिएशन मालेरकोटला ने बंद का पूर्णरूप से समर्थन किया। प्रदर्शन के दौरान शहर की शैक्षिक व व्यापारिक संस्थाओं सहित सब्जी मंडी और अन्य बाजार बंद रहे। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की थी।
इस मौके पर मुफ्ती इतरका-उल-हसन कांधलवी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पास किया गया बिल भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत है। इसका असल मकसद घुसपैठियों को देश से बाहर न करने की बजाय एक विशेष वर्ग में डर का माहौल पैदा करना है। जिसका कड़ा विरोध किया जाता है।
इस मौके पर पहुंची परिवहन कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एलान किया है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया बिल पंजाब में लागू नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि पंजाब के पास विधानसभा में इस बिल के खिलाफ भारी बहुमत है। यह बिल विशेष धर्म के खिलाफ है।
दूसरी तरफ मंच को राजनीतिक रंगत देने के विरोध में कई युवा, मुस्लिम फेडरेशन ऑफ पंजाब के प्रधान एडवोकेट मुबीन फारूकी के नेतृत्व में रोष प्रदर्शन से चले गए। मुबीन फारूकी व मुस्लिम सिख फ्रंट पंजाब के नेता वसीम शेख ने कहा कि यह रोष मार्च मुस्लिम जत्थेबंदियों द्वारा तैयार किए प्रोग्राम के मुताबिक गैर राजनीतिक होना चाहिए था। उन्होंने कैब के विरोध में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी एसपी मनजीत ङ्क्षसह बराड़ को सौंपा।
रोजा शरीफ के खलीफा ने किया कैब का विरोध
फतेहगढ़ साहिब स्थित मिनी मक्का मदीना माने जाते रोजा शरीफ के खलीफा सैय्यद मोहम्मद सादिक रजा मुज्जदी ने कैब का विरोध किया। खलीफा ने कहा कि यह विधेयक जाति और धर्म के आधार पर देश को बांटेगा। भारत सरकार को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए। देश पहले से ही इन बातों का नुकसान झेलता आ रहा है और इन्हीं कारणों के चलते बेकसूर लोगों की जानें जा रही हैं। मुस्लिम समुदाय इस बिल का विरोध जारी रखेगा।
कैप्टन कर चुके हैं विरोध
बता दें, Citizenship amendment bill 2019 लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया है। हालांकि पंजाब सरकार इस बिल को गैरसंवैधानिक बताते हुए इसका विरोध कर रही है। कैप्टन ने बिल को भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर हमला बताया है। उनका कहना है कि उनकी सरकार इस कानून को राज्य में लागू करने की इजाजत नहीं देगी।
कैप्टन का कहना है कि संसद को ऐसा बिल पास करने का कोई अधिकार नहीं जो संविधान को नुकसान पहुंचाता हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनी हुई सरकार का यह फर्ज बनता है कि वह संविधान में दर्ज नैतिक मूल्यों की चौकीदारी करे और इनको किसी भी तरह नुकसान न पहुंचने दे।
अकाली दल का भी रुख संसद से अलग
वहीं, लोकसभा व राज्यसभा में अकाली दल भले ही केंद्र सरकार के साथ खड़ी रही हो, लेकिन संसद के बाहर पार्टी का रुख कुछ और है। पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल का कहना है कि नागरिकता संशोधन बिल में मुस्लिम शब्द को शामिल किया जाए। सुखबीर बादल का भी कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। पूरे विश्व को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम शब्द का जिक्र बिल में होना चाहिए। जो लोग बरसों पहले अपना घर छोड़कर भारत में आए हैं, उनका घर जरूर भारत में होना चाहिए। इस बात की शिअद हिमायत करता है।
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