कोविड सेंटर के पराठें मे निकली मक्खी, खाना भी मिलता है कई घटे लेट
मनदीप कुमार संगरूर तरफ लोग कोरोना से परेशान हैं तो दूसरी तरफ कोरोना के मरीज ने की शिकायत।
मनदीप कुमार, संगरूर
एक तरफ लोग कोरोना से परेशान हैं, तो दूसरी तरफ कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए कोविड केयर सेंटरों में मरीज अव्यवस्था के शिकार हो रहे हैं। संगरूर के आठ किलोमीटर दूर बने कोविड केयर सेंटर घाबदां में भर्ती धूरी के एक डॉक्टर कोरोना संक्रमित मरीज ने एक वीडियो वायरल करके जहां उनके पराठे में मक्खी निकलने की शिकायत की, वहीं मालेरकोटला के सेंटर में एक शूगर पीड़ित कोरोना संक्रमित ने सुबह का नाश्ता व दोपहर का खाना सही समय पर न मिलने की मामला उठाया। साथ ही अन्य मरीज भी अपनी-अपनी समस्याएं बयान कर रहे हैं।
उक्त डॉक्टर ने मुख्यमंत्री पंजाब तक यह वीडियो पहुंचने व कोविड सेंटरों में इस प्रकार की खामियों पर कड़ा नोटिस लेने व संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने हाथ जोड़कर डीसी से गुहार लगाई कि वह एक बार कोविड केयर सेंटर का दौरा करके यहां के हालात खुद देखें।
उल्लेखनीय है कि कोविड केयर सेंटरों में मरीजों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को कोविड सेंटर से धूरी के एक कोरोना पीड़ित मरीज डॉ. की वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आई। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को नाश्ते की थाली में रखे पराठे को खाना चाहा तो पराठे में से मक्खी निकली, जिस कारण वह नाश्ता नहीं कर पाया। उसने संबंधित स्टाफ को इससे अवगत करवाया, लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी उसके पास नाश्ते की दूसरी प्लेट नहीं पहुंची। पीड़ित ने कहा कि वह एक डाक्टर है व अपनी सेहत प्रति पूरी तरह जागरूक है। कोविड सेंटर में अगर एक डाक्टर की सेहत संबंधी इस प्रकार संभाल की व्यवस्था है तो अन्य मरीजों के साथ क्या होगा।
वीडियो में एक अन्य बुजुर्ग मरीज ने भी उसे दर्द होने की समस्या बताते हुए किसी स्टाफ सदस्य द्वारा गौर न करने की शिकायत करते दिखाया गया है। इसके अलावा गत दिवस मालेरकोटला के कोविड सेंटर में भर्ती एक शुगर के मरीज ने भी हैल्पलाइन नंबर पर फोन करके शिकायत की कि उसे सुबह का नाश्ता साढ़े दस बजे व दोपहर का पौने चार पर मिला है, जबकि कोविड मरीजों के चार्ज के अनुसार सुबह का नाश्ता नौ बजे व दोपहर का खाना एक बजे मिलने का नियम है। कोरोना के मरीजों में से अधिकतर मरीज शूगर से पीड़ित है, जिस कारण समय पर खाना न मिलने से शुगर का स्तर बढ़ने का खतरा है। एसएमओ मालेरकोटला का कहना है कि गुरुद्वारा साहिब से मरीजों के लिए लंगर पहुंचता है, जिसमें कभी कभार देरी हो जाती है। जल्द ही मरीजों के लिए खाने की यहीं पर व्यवस्था के लिए प्रबंध किया जाने का प्रयास है।
घाबदां सेंटर मे भर्ती एक रेलवे के अधिकारी ने फोन पर बताया कि आइसोलेशन केंद्र में मरीजों को अनदेखा किया जा रहा है। वह पिछले कुछ दिन से यहां भर्ती हैं, लेकिन पर्याप्त तरीके से न तो डाक्टर द्वारा उनका चैकअप किया है तथा न ही बीपी की जांच की। यहां पर सैनिटाइजर, मास्क तक भी मुहैया करवाने में सुस्ती बरती जा रही है। आइसोलेशन केंद्र में 18 मरीज एक स्नानघर व दो शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं। पीड़ित डॉक्टर ने कहा कि जब से वह यहां पर भर्ती हैं, तब से कमरे का एसी खराब है। कमरे का एसी ठीक करवाने को कहा, तो कोई भी एसी ठीक करने नहीं आया। उन्होंने कहा कि उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है, जिस कारण सरकार के नियमों के अनुसार उन्हें घर पर भी आइसोलेट किया जा सकता है, लेकिन प्रशासन उनके जैसे मरीजो को यहां भर्ती करके उन्हें मुश्किल में डाल रहा है।
डीसी ने लिया कोविड सेंटर का दौरा, सुनी समस्याएं
कोविड केयर सेंटर घाबदां की वायरल वीडियो के बाद डिप्टी कमिश्नर राजवीर ने सेंटर का दौरा किया। उन्होंने संबंधी रसोई घर का जायजा भी लिया व रसोई इंचार्ज से बातचीत की। रसोई इंचार्ज ने डीसी को बताया कि मरीज के नाश्ते में मक्खी आने की शिकायत मिलते ही खाने की थाली को बदल दिया गया था। डीसी ने मोबाइल के जरिये सेंटर में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों से बातचीत की व सेंटर में समस्या संबंधी जानकारी प्राप्त की व तुरंत ही समस्याओं का समाधान करवाया गया। डीसी ने कहा कि अन्य मरीजों को किसी प्रकार से खाने, साफ-सफाई व इलाज संबंधी शिकायत पेश नहीं की।