बिना पराली जलाए बिजाई की विधि बताई
संगरूर पंजाब खेतीबाड़ी के कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी व खेत सलाहकार सेवा केंद ने प्रशिक्षण दिया।
संवाद सहयोगी, संगरूर : पंजाब खेतीबाड़ी के कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी व खेत सलाहकार सेवा केंद्र संगरूर द्वारा आईसीएआर नई दिल्ली व लुधियाना के दिशा निर्देशों के अनुसार इन-सिटू पराली स्कीम के तहत संगरूर ब्लॉक के गांव खिलरियां में धान की पराली को बिना आग लगाए हैप्पीसीडर से गेहूं की सीधी बिजाई की प्रदर्शनी लगाई गई। कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी के सहायक निर्देशक (प्रशिक्षण) डा. मनदीप सिंह व मुख्य खेत सलाहकार बूटा सिंह रोमाणा ने बताया कि विभाग द्वारा लगाई जा रहीं प्रदर्शनियों का मुख्य उद्देश्य किसानों के सहयोग से धान की पराली के उचित प्रबंधन करना है। इससे अधिक से अधिक किसानों को पराली के उचित प्रबंधन के लिए जागरूक कर खेतों में ही पराली को संभालने की मुहिम से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि गांव खिलरियां के किसानों को पराली प्रबंधन की पांच दिन की सिखलाई भी दी गई है। इसमें पराली प्रबंधन के साथ गेहूं की काश्त की नई तकनीकों, नए किस्मों के बीजों, बीज शोध, जीवाणु खाद के टीके के प्रयोग, रासायनिक खादों के प्रयोग, कीट नाशकों के प्रयोग, मिट्टी व जल के निरीक्षण, पराली का मशरूम की काश्त में प्रयोग सहित अन्य बातों की जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि पराली को खेत में ही मिलाने से वातावरण प्रदूषित नहीं होता व खेतों के कीड़ों की संख्या में भी बढ़ोतरी होती है। पराली को खेतों में मिलाने से इसकी खाद बन जाती है जिससे मिट्टी की जैविक ताकत बनी रहती है व खेती के दौरान रासायनिक खादों की कम जरूरत पड़ती है। इस मौके डॉ. सुनील कुमार सहायक प्रोफेसर (फार्म मशीनरी) ने भी शिरकत की।