गम और गुस्से के बीच हुआ जगमेल का अंतिम संस्कार
लहरागागा (संगरूर) चंगालीवाल के जगमेल सिंह का मंगलवार को नम आंखों व रोष के माहौल बना हुआ है।
जेएनएन, लहरागागा (संगरूर) :
चंगालीवाल के जगमेल सिंह का मंगलवार को नम आंखों व रोष के माहौल में गांव की श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों, परिजनों व परिवार के हक में उतरे संगठनों के कार्यकर्ताओं की आंखों में जहां जगमेल की मौत पर आंसू बह रहे थे, वहीं हत्यारों के प्रति रोष का आलम था। गांव की दमदासिया धर्मशाला में पहुंचे जगमेल सिंह के शव को कंधे पर उठाकर श्मशानघाट तक लाया गया, जहां हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने नारेबाजी करते हुए रोष जाहिर किया।
जगमेल सिंह के पुत्र करणवीर सिंह ने अपने पिता की चिता का अग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला, पूर्व मुख्यमंत्री राजिदर कौर भट्ठल सहित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद थे। बीबी भट्ठल ने पीड़ित परिवार को धैर्य बधाते हुए कहा कि जगमेल सिंह के हत्यारों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। पीड़ित परिवार से उनका गहरा रिश्ता है, जिसके चलते परिवार को भविष्य में किसी प्रकार की मुश्किल पेश नहीं आने दी जाएगी। पीड़ित परिवार को हर मदद देने का भरोसा दिलाते बीबी भट्ठल ने कहा कि अनुसूचित वर्ग के हितों के लिए पंजाब सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है। जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के प्रधान मुकेश मलोद, मुक्ति मोर्चे के गोबिद छाजली, बिक्कर सिंह हथोआ, करनैल सिंह नीलोवाल, गुरदीप सिंह धंदीवाल, गुरमुख सिंह ने कहा कि आरोपितों को सख्त सजा मिलना चाहिए। पंजाब सरकार अपने वादे अनुसार जल्द से जल्द आरोपितों का चालान पेश करके उन्हें सख्त सजा दिलाए। अगर सरकार ने अपने वादे पूरे करने में किसी प्रकार की ढील रखी तो कड़ा संघर्ष आरंभ करने से गुरेज नही किया जाएगा। पीड़ित परिवार की हर प्रकार से मदद की जाएगी और परिवार को इंसाफ दिलाने तक संगठन चुप नहीं बैठेंगे। सरकार ने दी इन मांगों पर सहमति
- परिवार को बाकी का 14 लाख रुपये मुआवजा भोग उपरांग देने।
- आरोपितों के खिलाफ सात दिन के भीतर अदालत मे चालान पेश करने।
- पुलिस की तरफ से बरती लापरवाही की एडीजीपी रैंक के अधिकारी से जांच करवाने।
- पीड़ित परिवार के लिए छह माह के राशन का प्रबंध व भोग का सारा खर्च देने।
- घर की मरम्मत के लिए सवा लाख रुपये देने।
- तीनों बच्चों को स्नातक तक की शिक्षा का सारा खर्च देने।
- पीड़ित की पत्नी को पांचवीं पास होने के बावजूद घर के नजदीक शैक्षणिक संस्थान में ग्रुप डी की सरकारी नौकरी देने पर सहमति बनी है।