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खस्ताहाल सड़कें व अधूरे निर्माण भी बन रहे हादसों की मुख्य वजह

खस्ताहाल सड़कें व सड़कों के अधूरे निर्माण भी हादसों की मुख्य वजह हैं। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के दौरान सड़क हादसों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान तो चलाया जा रहा है लेकिन निर्माण अधीन रास्तों पर सूचना बोर्ड लगाने अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करने की जहमत नहीं उठाई गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 03:21 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 03:21 PM (IST)
खस्ताहाल सड़कें व अधूरे निर्माण भी बन रहे हादसों की मुख्य वजह
खस्ताहाल सड़कें व अधूरे निर्माण भी बन रहे हादसों की मुख्य वजह

जागरण संवाददाता, संगरूर

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खस्ताहाल सड़कें व सड़कों के अधूरे निर्माण भी हादसों की मुख्य वजह हैं। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के दौरान सड़क हादसों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान तो चलाया जा रहा है, लेकिन निर्माण अधीन रास्तों पर सूचना बोर्ड लगाने, अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करने की जहमत नहीं उठाई गई है। इसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। बेशक ट्रैफिक पुलिस व प्रशासन की इन अधूरे निर्माण कार्यों पर नजर नहीं पड़ रही है, कितु यह अधूरे निर्माण हर दिन हादसों की वजह बन रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि निर्माण स्थलों पर राहगीरों को सूचित करने की खातिर किए जाने वाले प्रबंधों पर भी कभी समीक्षा नहीं की जाती। खुले गड्ढों के कारण भी हादसे होते रहते हैं।

उल्लेखनीय है कि जिले भर में विभिन्न जगहों पर सड़कों व ओवरब्रिजों का निर्माण चल रहा है। इन निर्माण कार्यों के साथ ही राहगीरों व ट्रैफिक का आवागमन भी जारी रहता है। खस्ताहाल सड़कों के कारण हादसे होने का डर बना रहता है व लोग इन खस्ताहाल सड़कों पर हर दिन हादसों का शिकार होते हैं। इलाके में राहगीरों की सुरक्षा के बिना प्रबंध किए ही निर्माण कार्यों की खातिर खुदाई आरंभ कर दी जाती है। सड़कों पर भी सीवरेज लाइन इत्यादि डालने के लिए गहरे गड्ढे खोद दिए जाते हैं। ----------------------- नौजवान की हुई दर्दनाक मौत, फिर भी नहीं सबक दो जनवरी की रात लहरागागा-सुनाम मुख्य मार्ग पर सीवरेज डालने के लिए खोदी सड़क पर लहरागागा निवासी युवक दलबीर सिंह की गड्ढे में गिरने से मौत हो गई थी। सीवरेज के लिए खोदे गड्ढे के पास कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगा था व न ही रास्ते को बंद किया गया। रात के अंधेरे में मोटरसाइकिल सवार गड्ढे की मिट्टी से टकराया व मोटरसाइकिल हवा में उछलकर दूर जा गिरी। दलबीर सिंह निवासी वार्ड नंबर 10 लहरागागा सुनाम के गोदामों में नौकरी करता था। उक्त नौजवान सुनाम से अपने घर लहरा आ रहा था। पीडब्लयूडी एंड बीएंडआर विभाग ने दावा किया था कि मुख्य मार्ग पर सीवरेज पाईप डालने के लिए खुदाई की कोई मंजूरी नहीं ली गई है। ऐसे हादसे दोबारा न हों, इसके लिए अभी भी सबक नहीं लिया गया। -------------------

- ऊपर चल रहा ओवरब्रिज का निर्माण, नीचे से गुजर रहे वाहन

मालेरकोटला-पटियाला रोड पर करोड़ों रुपये की लागत से वर्ष 2019 से फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण चल रहा है। इस पुल के नीचे से ही लुधियाना, अहमदगढ़, संगरूर व मालेरकोटला के लिए आने-जाने वाले वाहनों की आवाजाही जारी है। पुल के नीचे से लोग जान हथेली पर रखकर गुजरते हैं, क्योंकि दोनों तरफ सिगल वाहन के आने-जाने की ही जगह है। किसी भी वक्त ऊपर से होती लोहे की स्लैब या अन्य सामग्री गिरकर हादसा होने का डर बना रहता है। निर्माणाधीन ओवरब्रिज के नीचे दोनों तरफ दिन रात आवाजाही जारी रहती है, लेकिन इसके बावजूद इन दोनों तरफ की सर्विस रोड की हालत बेहद खस्ताहाल है व पानी भी कई जगहों पर जमा रहता है। चेतावनी बोर्ड का अभाव राहगीरों को खलता है, कितु फिर भी दो वर्ष से राहगीरों की सुरक्षा दांव पर है।

-------------------- संकेत के नाम पर केवल मिंट्टी की बोरियां संगरूर के पटियाला बाईपास से पटियाला रोड तक सड़क को चौड़ा करने के लिए निर्माण कार्य जारी है, लेकिन रोड पर वाहन चालकों की सुरक्षा व उन्हें चालू निर्माण कार्य के प्रति सचेत करने के लिए केवल सड़क किनारे कुछ-कुछ दूरी पर रखी मिट्टी की बोरियों का ही सहारा है। ऐसे में रात के अंधेरे में सड़क से गुजरता कोई भी वाहन सड़क किनारे गड्ढे में उतर सकता है, क्योंकि यहां कोई रिफ्लेक्टर, चेतावनी बोर्ड नहीं लगा है। रात व धुंध के समय हादसा होने का डर बना रहता है।

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ट्रैफिक पुलिस द्वारा पुख्ता प्रबंध, अन्य विभाग दें ध्यान

डीएसपी (ट्रैफिक) अजब सिंह बाठ ने कहा कि सड़क या ओवरब्रिज के निर्माण के समय चेतावनी बोर्ड लगाना संबंधित विभाग का काम है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा ट्रैफिक को निर्विघ्न चालू करने के लिए पुख्ता प्रबंध कर दिए जाते हैं। वहीं हादसों को रोकने के लिए संबंधित विभाग चेतावनी बोर्ड, रिफ्लेक्टर टेप, रिफ्लेक्टर लगाने का प्रबंध करें, ताकि रात के समय वाहन चालक सतर्क रहें। संबंधित विभागों को इस के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए।


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