बारिश से मौसम हुआ सुहाना, पानी भरने से बढ़ी पेरशानी
संवाद सहयोगी संगरूर बुधवार की रात शुरू हुई बारिश वीरवार को 11 बजे तक जारी रही।
संवाद सहयोगी, संगरूर : बुधवार की रात शुरू हुई बारिश वीरवार को 11 बजे तक जारी रही। लगातार पड़ी बारिश ने जहां मौसम से सुहाना कर दिया, वहीं पूरे शहर को जलमग्न कर दिया। बारिश ने शहर में सीवरेज प्रबंधों की भी पोल खुल गई है। बेशक शहर में शत फीसदी सीवरेज सुविधा के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट डाला जा रहा है, लेकिन बरसात के पानी की निकासी का हाल अभी भी बदतर है। शाहपोरजी पॉलोंजी कंपनी की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए, क्योकि शहर में सीवरेज की सफाई का जिम्मा कंपनी के हाथ है। घंटे भर की बारिश से ही शहर पानी से जलथल हो जाता है। शहर में कई जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि नगर कौंसिल द्वारा लगाए हुए मुलाजिम भी अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभाते हैें।
बारिश के बाद शहर के बस स्टैंड रोड, पटियाला गेट बाजार, सुंदर बस्ती, प्रेम बस्ती, कोला पार्क, कोर्ट कांप्लेक्स रोड, अग्रवाल स्ट्रीट एक्सचेंज रोड, बाड़ा (पटियाला गेट), क्लब विभाग बाहर सहित शहर के कई क्षेत्र जलमग्न हो गए। शहर में कई घरों में पानी भी भर गया। संगरूर में 28.8 एमएम, सुनाम में 21.4 एमएम, मालेरकोटला में 27 एमएम, मूनक में 14.0 एमएम बरसात हुई। जिले में कुल 91.2 एमएम व औसतन 18.24 एमएम बारिश रही। जिले का वीआईपी क्षेत्र क्लब रोड जहां डीसी रामवीर सहित एसडीएम बबनदीप सिंह वालिया का आवास है, वह भी जलमग्न हो गया। इसी क्षेत्र में सरकारी मुलाजिमों को क्वाटर भी हैं। आने वाले दो दिन तक बारिश की संभावना: मौसम विभाग
मौसम विभाग चंडीगढ के मुताबिक जिले में आने वाले दो दिन तक बारिश के आसार हैं। रविवार को मौसम साफ होगा। जिले में कुल 91.2 बारिश दर्ज की गई है। बुधवार की रात व वीरवार को सुबह हई बारिश से तापमान 6 से 7 डिग्री तक लुढ़क गया है। बुधवार को तापमान 38 डिग्री था जो वीरवार को 31 डिग्री सेल्सियस आंका गया। किसान फसलों के जरूरत के अनुसार ही पानी लगाएं: ग्रेवाल
मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. जसविदरपाल ग्रेवाल ने कहा कि जिले में हुई बारिश को धान की फसल को कोई नुकसान नहीं है। कॉटन की फसल जो गहरा क्षेत्र में रोपी गई है के अलावा सब्जी की फसल को बारिश का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग की किसानों को सलाह है कि वैसे तो धान की फसलों को पानी लगने का समय भी नहीं है, लेकिन बारिश के चलते तो अगर अधिक जरूरत हो तो फसलों को पानी लगाया जाए।