ब्लाक समितियों की प्रधानगी पर कब्जा करने के लिए सरकार कर रही झूठे पर्चे : चेयरमैन पनवां
पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ताधारी सरकारी ने ब्लाक समिति ट्रक यूनियन नगर कौंसिलों सहित अन्य अदारों की चैयरमैनी व प्रधानगियों पर कब्जे जमाने का काम शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, संगरूर : पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ताधारी सरकारी ने ब्लाक समिति, ट्रक यूनियन, नगर कौंसिलों सहित अन्य अदारों की चैयरमैनी व प्रधानगियों पर कब्जे जमाने का काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी के तहत ब्लाक समिति भवानीगढ़ के चेयरमैन वरिदर पनवां के पुत्र कुलजीत सिंह पनवां को तीन वर्ष पुराने मामले में गिरफ्तार करके पुलिस ने जिला जेल में बंद कर दिया है। बदलाखोरी के तहत की गई इस कानूनी कार्रवाई को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर जल्द अगर रिहाई न हुई तो समूह ब्लाक समिति चेयरमैन, सदस्य व कांग्रेसी वर्कर मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास का घेराव करेंगे। नेशनल हाईवे जाम व मरणव्रत आरंभ करने से पीछे नहीं हटेंगे। यह एलान शुक्रवार को चेयरमैन वरिदर पनवां के हक में उतरे ब्लाक समिति धूरी के चेयरमैन व ब्लाक समिति यूनियन के जिला प्रधान रणधीर कौर के पति जगतार सिंह बेनड़ा, ब्लाक समिति संगरूर के चेयरमैन कमलजीत सिंह के पति कुलविदर सिंह किदा सहित अन्य सदस्यों ने किया। वहीं, पीड़ित परिवार ने डीजीपी पंजाब, ह्यूमन राइट्स कमीशन, मुख्यमंत्री पंजाब, आइजी पटियाला रेंज, चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।
संगरूर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वरिदर सिंह पनवां ने कहा कि वह ब्लाक समिति भवानीगढ़ के चेयरमैन व उनकी माता रामपत्ती गांव की सरपंच हैं। उन पर ब्लाक समिति चेयरमैनी से इस्तीफा देने के लिए पंजाब सरकार की शह पर मुख्यमंत्री के नजदीकियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। कई बार उन्हें इस्तीफा देने के कहा गया है, लेकिन जब इस्तीफा देने से इंकार कर दिया तो उनकी माता व परिवार पर झूठे मामले दर्ज किए गए व जानी नुकसान पहुंचाने की धमकियां दी जा रही है। इसी के तहत उनके दो पुत्र व एक भतीजे को संगरूर पुलिस ने वर्ष 2019 के एक मामले में जिम से उठा लिया। इसके बाद उनके एक पुत्र व भतीजे को छोड़ दिया, जबकि पुत्र कुलजीत सिंह पनवां को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
पनवां ने कहा कि तीन वर्ष पुराने इस मामले में 18 व्यक्तियों को नामजद किया गया था। कईयों की अदालत से जमानत भी हो चुकी थी। जबकि उन्होंने अपने बेटे की जमानत नहीं करवाई थी, क्योंकि इस मामले में दोनों पक्षों के बीच आपसी राजीनामा हो गया था। राजीनामा के आधार पर पुलिस ने इस मामले को रद करने की रिपोर्ट भी तैयार की थी। अब राजनीतिक बदलाखोरी के तहत इस केस को आधार बनाकर उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। उन पर चेयरमैनी से इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा है जिसे वह किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगे। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी सरकार से उन्हें, उनके परिवार को जानी-माली नुकसान व झूठे केसों में फंसाए जाने का खतरा है। इसके चलते परिवार की हिफाजत के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की।
सत्तापक्ष की धक्केशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे
चेयरमैनों जगतार सिंह बेनड़ा व कुलविदर सिंह ने एलान किया कि सत्ताधारी पक्ष की बदले व धक्केशाही की राजनीति को कांग्रेस कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। वरिदर पनवां के बेटे की रिहाई की खातिर कड़ा संघर्ष का रुख अपनाएंगे। अगले दिनों में अगर रिहाई न हुई तो कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास का घेराव, मरणव्रत आरंभ करने व मुख्य मार्ग जाम करके संघर्ष आरंभ करेंगे। इस मौके पर ब्लाक समिति धूरी के सदस्य हरबंस सिंह, ब्लाक समिति लहरा की चेयरपर्सन सर्बजीत कौर के पति सुखराम सिंह, ब्लाक समिति धूरी के सदस्य मोहन लाल, महेंद्र सिंह ब्लाक समिति सदस्य, दीदार सिंह कांझला ब्लाक समिति सदस्य धूरी ने कहा कि उन्हें भी सत्ताधारी सरकार के कार्यकर्ताओं से पदों से इस्तीफा देने व उनके खिलाफ अविश्वास पत्र दायर करने की धमकियां दी जा रही हैं। इस धक्केशाही के खिलाफ कांग्रेस के समूह कार्यकर्ता एकजुट होकर संघर्ष करेंगे।