गदर लहर में संत तेजा सिंह के योगदान को बताया
संगरूर गुरुद्वारा गुरसागर श्री मस्तुआना साहिब में गदर लहर को समर्पित सेमिनार करवाया गया।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
गुरुद्वारा गुरसागर श्री मस्तुआना साहिब में गदर लहर को समर्पित सेमिनार अकाल कॉलेज कौंसिल व गदर मेमोरियल सोसायटी कनाडा ने करवाया। सेमिनार की अध्यक्ष्ता राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा ने की। जबकि गुरुद्वारा सिंह सभा सरी के प्रधान बलवीर सिंह निझर मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल हुए। मुख्य प्रवक्ता गदर मेमोरियल सोसायटी कनाडा व प्रधान पंजाबी प्रेस क्लब बीसी कनाडा के प्रधान डॉ. गुरविदर सिंह धालीवाल, गदर लहर व खोज करने वाले लेखक डॉ. राजविदर सिंह राही, लेखक हरविदर सिंह खालसा पहुंचे। सेमिनार का मुख्य विषय संत अतर सिंह जी महाराज मस्तुआना साहिब के सेवक प्रि. संत तेजा सिंह की गदर लहर के दिए योगदान पर आधारित था।
डॉ. गुरविदर सिंह धालीवाल ने कहा कि संत अतर सिंह जी ने प्रि. संत तेजा सिंह को विशेष तौर पर विदेशों में पंजाबियों की मदद करने के लिए भेजा था। उस समय बहुत से पंजाबी देश की आजादी की लहर से जुड़े हुए थे। आजादी की लहर में गदर पार्टी का अहम रोल था। संत तेजा सिंह जी ने कनाडा में गुरुद्वारों की स्थापना की व पहला गुरुद्वारा कनाडा के शहर वैनकुवर में बनाया। इसमें उन्होंने गदर पार्टी का दफ्तर बनाकर संचालन किया। गदर लहर के संचालक बाबा सोहन सिंह भकना व बाकी गदरी बाबे संत तेजा सिंह जी से श्री गुरु गोबिद सिंह जी के वरदान अमृतपान कर गुरुबाणी से प्रेरणा लेते हुए संघर्ष लड़ते रहे। इसके तहत सभी गदरी कार्यकर्ताओं ने देश की आजादी लहर में शहीदी प्राप्त की।
राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा ने गदर मेमोरियल सोसायटी कनाडा के समूह पदाधिकारियों को बधाई दी कि उन्होंने लंबे संघर्ष के बाद संत तेजा सिंह व अन्य गदरी शहीदों की तस्वीरें दरबार श्री अमृतसर साहिब के केंद्रीय सिख अजायब घर में स्थापित करवाई है। बलवीर सिंह निझर व डॉ. गुरविदर सिंह धालीवाल ने गदर मेमोरियल सोसायटी कनाडा द्वारा श्री मस्तुआना साहिब के प्रबंधकों द्वारा सेमिनार करवाने पर धन्यवाद किया व भविष्य में प्रत्येक सहयोग देने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कनाडा की टीम को भरोसा दिलाया कि यह सेमिनार प्रत्येक वर्ष संत तेजा सिंह जी के जन्म दिवस पर मस्तुआना साहिब में करवाया जाएगा। गदरी शहीदों का इतिहास मस्तुआना साहिब की शैक्षिक संस्थाओं में पढ़ाया जाएगा। पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड व सीबीएसई को निवेदन किया जाएगा कि वह अपने से संबंधित स्कूलों में गदरी शहीदों का इतिहास बच्चों को पढ़ाने का प्रबंध करें।