बारिश से भीगा राशन कार्ड धारकों को मिलने वाला गेहूं
बरसात के चलते दो रुपये किलो बांटा जाने वाला अनाज हुआ गीला।
संवाद सूत्र, अमरगढ़ (संगरूर) :
बरसात की मार इलाके की अनाज मंडियों में बैठे किसानों की फसल या खरीदी गई गेहूं की बोरियों पर नहीं, बल्कि गोदामों में खुले आसमान के नीचे रखी गेहूं की बोरियों पर भी पड़ रही है। इलाके में पनसप के गोदाम में रखी हजारों बोरियां बारिश में भीग गई। यह अनाज दो रुपये किलो के हिसाब से पंजाब के जरूरतमंद राशन कार्ड धारकों को वितरित की जानी है, लेकिन इससे पहले ही यह गेहूं की फसल बरसात की भेंट चढ़ चुकी है। हैरानी की बात तो यह है कि संबंधित पनसप के अधिकारी इससे पूरी तरह से अज्ञानता जाहिर कर रहे हैं और अनाज को ढककर बरसात से सुरक्षित तरीके रखे जाने के दावे कर रहे हैं, जबकि असलियत इससे कोसो दूर हैं।
उल्लेखनीय है कि अमरगढ़ में मौजूद पनसप के ओपन गोदाम में हजारों की गिनती में अनाज की बोरियां रखी हुई है। इन बोरियों को बरसात से बचाने के लिए ढकने की बजाए खुले आसमान के नीचे रखी यह बोरियां बरसात में जमकर भीगी। शुक्रवार की सुबह हुई बरसात के दौरान भी इन बोरियों पर पर्याप्त तिरपाल का प्रबंध नहीं था।
इस बारे में पनसप के इंस्पेक्टर हनीष कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बरसात से अनाज को ढकने के लिए पूरे प्रबंध हैं व सभी बोरियों को ढककर रखा गया है। कभी भी इसे चेक किया जा सकता है, जबकि असलियत इसके पूरी तरह से विपरीत थी, जिस कारण बरसात में सारा अनाज भीग गया। पनसप के इंस्पेक्टर मानक सोढ़ी ने कहा कि तिरपाल का प्रबंध मौके पर नहीं था, लेकिन शाम को तिरपालें पहुंच गई, जिसके बाद अनाज को ढक दिया गया। जब पनसप के जीएम दिलराज सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इसकी जांच करवाई जाएगी। अगर कहीं पर भी लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अनाज को तुरंत ढककर रखवाया जाएगा, ताकि यह दोबारा खराब न हो।