बहू की ईमानदारी पर ससुर ने जताई खुशी
पंजाबियों ने बहादुरी दरियादिली व ईमानदारी की बदौलत देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बनाई है।
हरमेश मेशी, दिड़बा (संगरूर) : पंजाबियों ने बहादुरी, दरियादिली व ईमानदारी की बदौलत देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बनाई है। संगरूर जिले के कस्बा दिड़बा के मध्यवर्गीय परिवार की पुत्रवधू सुहजवीर कौर ने अपनी बठिडा की सहेली राजवीर कौर के साथ मिलकर न्यूजीलैंड में सड़क पर गिरे मिले 22 हजार डालर यानी 11 लाख रुपये मालिक को लौटाकर ईमानदारी की मिसाल कायम की। नकदी के मालिक ने न केवल दोनों पंजाबी युवतियों को इनाम के तौर पर नकद उपहार दिया, बल्कि उनकी ईमानदारी की खूब प्रशंसा करते हुए कहा कि पंजाबियों की ईमानदारी के बारे में सुना था, लेकिन आज देख भी लिया है। न्यूजीलैंड की पुलिस ने भी फेसबुक पर उनकी ईमानदारी की प्रशंसा की।
दैनिक जागरण की टीम ईमानदारी की मिसाल कायम करने वाली सुहजवीर कौर के घर पहुंची, तो परिवार अपनी बहु द्वारा दिखाई गई ईमानदारी से बेहद खुश दिखाई दिया। सुहजवीर कौर के ससुर लाभ सिंह सिद्धू ने कहा कि पूरा परिवार काफी खुश है कि सुहजवीर कौर ने विदेश जाकर भी अपने परिवार के संस्कारों को कायम रखा है। सुहजवीर ने फोन पर उन्हें बताया कि वह अपनी सहेली राजवीर कौर के साथ हमिल्टन शहर के विनटेक कॉलेज जा रही थी। रास्ते में उन्हें एक पैकेट मिला, पैकेट पर एएनजेड बैंक का नाम लिखा था, वह दोनों इस पैकेट को लेकर कॉलेज चले गए। कक्षा का समय होने के कारण वह पैकेट कॉलेज में प्रोफेसर को सुपूर्द कर दिया। वह दोनों कक्षा लगाने के लिए चली गई। कक्षा लगाने के बाद उन्होंने प्रोफेसर को पैकेट मिलने संबंधी सारी जानकारी दी। पैकेट में कुछ दस्तावेज होंगे इसलिए उन्होंने पैकेट खोला लिया, ताकि मालिक का पता चल सके।
पैकेट खोलने पर देखा कि पैकेट डालरों से भरा हुआ था। उन्होंने तुरंत कॉलेज प्रोफेसर के साथ मिलकर पुलिस की मदद से पैकेट के मालिक का पता लगाने की कोशिश शुरू की। करीब एक घंटे के बाद ही पैकेट के मालिक का पता चल गया। कॉलेज स्टाफ, पुलिस की मौजूदगी में वह पैकेट पुलिस स्टेशन में मालिक को सौंप दिया। पैकेट के मालिक ने बताया कि पैकेट में उसके 22 हजार डालर यानी 11 लाख रुपये थे। मालिक ने दोनो युवतियों को इनाम के तौर पर अपनी तरफ से 100-100 डालर दिए। लाभ सिंह ने बताया कि बेटियों ने अपने परिवार, माता-पिता का ही नहीं, बल्कि पंजाबियों का नाम रोशन किया है। दोनों वहां पर पढ़ाई करने के लिए गई हैं। इस वाक्या की खबर जैसे ही अखबारों व सोशल मीडिया पर फैली तो हर कोई परिवार को बधाई दे रहा है।