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किसानों के लिए फांसी का फंदा हैं खेती कानून

कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर शहर के रेलवे स्टेशन के बाहर किसान संगठनों का चल रहा धरना 241वें दिन भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 04:56 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 04:56 PM (IST)
किसानों के लिए फांसी का फंदा हैं खेती कानून
किसानों के लिए फांसी का फंदा हैं खेती कानून

जागरण टीम, संगरूर

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कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर शहर के रेलवे स्टेशन के बाहर किसान संगठनों का चल रहा धरना 241वें दिन भी जारी रहा।

किसान नेता सुखदेव सिंह, निर्मल सिंह, रोही सिंह, मग्घर सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने वादा किया था कि सरकार बनने पर किसानों के कर्ज माफ किया जाएगा, 15 लाख रुपये प्रत्येक भारतीय के खाते में डाले जाएंगे, लेकिन सरकार बनते ही प्रधानमंत्री अपने वादे से मुकर गए व देश विरोधी फैसले लेकर जनता का दिल तोड़ा है। किसान लगातार छह महीने से काले कानून रद करवाने हेतु बार्डरों पर बैठे हुए हैं। जब तक कानून रद नहीं होते आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर जरनैल सिंह, सतविदर सिंह, महिदर सिंह, गुरदेव सिंह आदि किसान उपस्थित थे।

उधर, लहरागागा में ब्लॉक प्रधान धरमिदर सिंह पिशौर के नेतृत्व में पंप पर लगे धरने में बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं व नौजवान शामिल हुए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के बनाए गए कानून किसानों के लिए फांसी का फंदा हैं, जिन्हें तुरंत किया जाना चाहिए। जब तक कानून रद नहीं होते संघर्ष जारी रहेगा। महिदर सिंह, राम सिंह, निरंजन सिंह, गोबिद सिंह, हाकम सिंह, जगदेव सिंह आदि उपस्थित थे।


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