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किसान जला रहे पराली, स्माग से घुट रहा दम

सुखदेव सिंह पवार संगरूर जिला प्रशासन व समाज सेवी संगठनों ने किसानों को लगातार जागरूक कर रहे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 09:44 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 08:00 AM (IST)
किसान जला रहे पराली, स्माग से घुट रहा दम
किसान जला रहे पराली, स्माग से घुट रहा दम

सुखदेव सिंह पवार, संगरूर :

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जिला प्रशासन व समाज सेवी संगठनों ने किसानों को लगातार जागरूक करने के बावजूद किसान पराली को लगातार आग लगा रहे हैं। शुक्रवार को सुबह से ही वातावरण में धुआं छाया रहा। हालत ये रही कि दोपहर से धूप ठीक से जमीन तक नहीं पहुंच पा रही थी। हालांकि आसमान साफा है, और मौसम विभाग के अनुसार हाल फिलहाल में बारिश होने की संभावना भी नहीं है। हालांकि प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों पर मामले दर्ज करने के अलावा जुर्माना व जमीन को रेड एंट्री भी कर रही है, लेकिन किसान हैं कि बाज नहीं आ रहे हैं। दूर दराज के गांवों में तो आग लगाई ही जा रही है है, प्रशासन के पांव के नीचे यानी शहर के आसपास के किसान भी पराली को धड़ल्ले से आग के हवाले कर रहे हैं। जिले में अब तक पराली जलाने के 1411 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें दो किसानों के खिलाफ ही अभी तक कानूनी कार्रवाई हो पाई है। पराली जलाने वाले किसानों को प्रदूषण बोर्ड ने चार लाख 5 हजार रुपये जुर्माना किया है। 156 किसानों के खेतों तो रेड मार्क किया गया है। खतरनाक हुई जिले की हवा : एसडीओ

प्रदूषण बोर्ड के एसडीओ सचिन सिगला ने कहा कि जिले की हवा बेहद प्रदूषित हो चुकी है। इस समय एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 तक पहुंच चुका है, जो कि सेहत के लिए काफी हानिकारक है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष पराली जलाने के 6666 मामले सामने आए थे। 300 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। 132 लोगों पर कोर्ट केस किया गया था व 20 लाख जुर्माना किया गया था। 2018 में 5780 मामले सामने आए थे, 134 पर एफआईआर दर्ज की गई थी व 12 लाख रुपये जुर्माना किया गया था। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष पराली जलाने वाले किसानों पर 1 करोड़ 12 लाख जुर्माना किया गया था। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा वह प्रांत व समाज की खुशहाली के लिए पराली को आग न लगाए आग लगाने से जहां प्रदूषण फैलता है वहीं मिट्टी के पोषक तत्व भी समाप्त हो जाते हैं।


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