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संगरूर में किसानों ने 12 जगहों पर मोदी का पुतला फूंक मनाया दशहरा

इस बार कोरोना महामारी के कारण बेशक दशहरे मेले के आयोजन की मंजूरी प्रशासन की ओर से नहीं दी गई लेकिन उन्हीं जगहों पर किसानों ने नरेंद्र मोदी सहित अन्य पुतले जलाए जहां हर वर्ष दशहरा मेला लगाया जाता था।

By Edited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 10:17 AM (IST)
संगरूर में किसानों ने 12 जगहों पर मोदी का पुतला फूंक मनाया दशहरा
दिड़बा के स्टेडियम में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जाहिर करती किसान महिलाएं (जागरण)

संगरूर, जेएनएन : कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 25 दिन से लगातार संघर्ष कर रहे किसानों ने दशहरे का त्योहार भी रोष दिवस के तौर पर मनाते हुए जिले भर में विभिन्न जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूजिपतियों, कारपोरेट घरानों, भाजपा नेताओं के विशाल पुतले जलाए गए। इस बार कोरोना महामारी के कारण बेशक दशहरे मेले के आयोजन की मंजूरी प्रशासन की ओर से नहीं दी गई, लेकिन उन्हीं जगहों पर किसानों ने नरेंद्र मोदी सहित अन्य पुतले जलाए, जहां हर वर्ष दशहरा मेला लगाया जाता था।

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भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां द्वारा ब्लाक प्रधान गोबिंदर सिंह मंगवाल की अगुआई में किसानों ने रणबीर कालेज मैदान, मूनक के शहीद ऊधम सिंह स्टेडियम, भवानीगढ़ में कालाझाड़ टोल प्लाजा, दिड़बा के स्टेडियम, सुनाम, धूरी, मालेरकोटला, अमरगढ़ व जाखल में भी किसानों ने पुतले जलाकर रोष जाहिर किया। किसान यूनियन के ब्लाक प्रधान गोबिंदर सिंह मंगवाल ने बताया कि उनकी यूनियन द्वारा फैसला लिया गया था कि इस बार रावण की जगह मोदी व अमित शाह के पुतले बना कर फूंके जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पंजाब का माहौल खराब करने पर तुली है।

उधर, किसान संगठनों द्वारा स्थानीय महावीर चौक में पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंक कर केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कानूनों को रद करने की मांग की गई। रेलवे स्टेशन से महावीर चौक तक विशाल रोष रैली निकाली गई। बलवीर सिंह झलूर, इंद्रपाल सिंह पुन्नावाल ने कहा कि रविवार को जब पूरे देश के लोग दशहरा पर्व मना रहे हैं किसान निराश हुए मोदी के खिलाफ पुतला फूंक प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में लोगों के त्योहारों का उत्साह ही समाप्त कर दिया है। किसानों का संघर्ष व्यर्थ नहीं जाने देंगे।

मक्खन सिंह पापड़ा ने कहा कि वह महीने भर मोदी सरकार द्वारा लाए गए कानूनों के खिलाफ विभिन्न तरह से रोष प्रदर्शन जाहिर कर रहे हैं, लेकिन आज तक सरकार की नींद नहीं खुली है। अगले दिनों में भी केंद्र सरकार के खिलाफ यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा। उधर, जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के समक्ष मृतक किसान के परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर चल रहा धरना भी जारी रहा।


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