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फूड प्रोसेसिग यूनिट व कोल्ड स्टोर की सुविधा से दूर संगरूर व मालेरकोटला

फूड प्रोसेसिग यूनिट व कोल्ड स्टोर..। इलाके की ऐसी दो मांगें हैं जो दशकों से लटक रही हैं लेकिन न तो किसी सरकार ने इस पर गौर किया तथा न ही हलके की नुमाइंदगी करने वाले विधायकों ने।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 06:04 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 06:04 AM (IST)
फूड प्रोसेसिग यूनिट व कोल्ड स्टोर की सुविधा से दूर संगरूर व मालेरकोटला
फूड प्रोसेसिग यूनिट व कोल्ड स्टोर की सुविधा से दूर संगरूर व मालेरकोटला

मनदीप कुमार, संगरूर : फूड प्रोसेसिग यूनिट व कोल्ड स्टोर..। इलाके की ऐसी दो मांगें हैं, जो दशकों से लटक रही हैं, लेकिन न तो किसी सरकार ने इस पर गौर किया तथा न ही हलके की नुमाइंदगी करने वाले विधायकों ने। सबसे अधिक सब्जी की काश्त करने वाला मालेरकोटला इलाका भी इन दोनों प्रोजेक्टों से अछूता है। इलाके में यह यूनिट न होने के कारण जहां इंडस्ट्री को गति नहीं मिल रही है, वहीं किसानों भी मंदी के दौर से गुजर रहे हैं, क्योंकि अधिकतर सब्जियां व खाद्य पदार्थ कोल्ड स्टोरों के अभाव के कारण खराब हो जाते हैं। इस बार फिर इलाके में फूड प्रोसेसिग यूनिट व कोल्ड स्टोर का मुद्दा उठ रहा है। कितु असल मुद्दों की बजाय आपसी बदलाखोरी की तरफ झुक रही राजनीति में यह मुद्दे ओझल होते दिखाई दे रहे हैं, जिसे देखकर न केवल किसान व सब्जी काश्तकार परेशान हैं, बल्कि वोटर भी मायूस हैं, क्योंकि यह प्रोजेक्ट न केवल किसानों व सब्जी काश्तकारों के लिए लाभदायक साबित होंगे, बल्कि नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

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जिला संगरूर व मालेरकोटला की बात करें तो दोनों जिले नेशनल हाईवे से जुड़े हुए हैं व रेलवे कनेक्टिविटी भी बड़े स्तर पर स्थापित है। धूरी का रेलवे जंक्शन की बदौलत इलाके में इंडस्ट्री को बेहद फायदा मिल सकता है, लेकिन इसके बावजूद दोनों जिलों में कोई भी फूड प्रोसेसिग यूनिट नहीं है। कृषि प्रधान इलाका होने के कारण इलाके में फूड प्रोसेसिग यूनिट बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। जिले में हर विधानसभा चुनावों के दौरान फूड प्रोसेसिग यूनिट की मांग जोर-शोर से उठती है, लेकिन चुनावों के बाद किसी ने भी इस प्रोजेक्ट को गंभीरता से नहीं लिया है, जिस कारण न केवल किसानों में मायूसी का आलम है तथा साथ ही उद्योगपतियों को भी कोई आशा की किरण दिखाई नहीं दे रही है। मालेरकोटला इलाके में सब्जियों की सर्वाधिक काश्त की जाती है, जहां किसान कड़ी मेहनत से सब्जियों की काश्त करते हैं, लेकिन आसपास कोई फूड प्रोसेसिग यूनिट न होने के कारण सब्जियों की प्रोसेसिग नहीं हो पाती है, जिस कारण सब्जियों को अन्य राज्यों तक बेचने में किसान जुटे रहते हैं। इस प्रयास में बेशक सब्जियों की खपत हो रही है, लेकिन फूड प्रोसेसिग यूनिट के माध्यम से किसानी को नया रुख मिल सकता है। कोल्ड स्टोर की स्थापना भी नहीं

फूड प्रोसेसिग यूनिट ही नहीं, बल्कि इलाके में कोल्ड स्टोरों की स्थापना पर भी सरकार ने कभी कोई ध्यान नहीं दिया। आलू सहित अन्य सब्जियों की संभाल के लिए किसानों को निजी कोल्ड स्टोरों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिस कारण उनका आर्थिक नुकसान होता है और सब्जियों की संभाल करना बेहद मुश्किल हो जाता है। अगर इलाके में सरकारी तौर पर कोल्ड स्टोर स्थापित हों तो किसानों को इसका लाभ मिल सकता है। किसान बेहद कम कीमत पर अपनी सब्जियों व अन्य चीजों को स्टोर कर सकते हैं, जिनकी सरकार की मदद से मार्केटिग की जा सकती है। अक्सर किसानों की चीजों कोल्ड स्टोर में खराब हो जाती है व इनका किराया काफी अधिक है, जिस कारण किसान केवल रिवायती फसलों की काश्त पर ही निर्भर होकर रह गए हैं। फूड प्रोसेसिग यूनिट व कोल्ड स्टोर किसानी की पहली जरूरत हैं। इलाके के लिए वरदान साबित होंगे यूनिट

शहर निवासी सुखबीर सिंह का कहना है कि फूड प्रोसेसिग यूनिट का संगरूर व मालेरकोटला जिले में अभाव बेहद निराशाजनक है। सियासी पार्टियां केवल सड़कों व गलियों के निर्माण तक सीमित होकर रह गई है, जबकि यह इलाके की अहम जरूरत है, क्योंकि फूड प्रोसेसिग यूनिट के माध्यम से किसानों को नई दिशा मिलेगी। इलाके में यूनिट स्थापित किए जाने चाहिए, ताकि यहां के किसान इसका लाभ उठा सकें व इलाके को तरक्की मिल सके। गेहूं व धान तक सीमित न रहे किसान

शहद उत्पादक कुलदीप सिंह नारिके इलाके में फूड प्रोसेसिग यूनिट न होने के कारण ही किसान गेहूं व धान की बिजाई तक सीमित हैं। अगर इलाके में यह यूनिट स्थापित हो जाएं तो किसान अन्य फसलें बीजने व सहायक धंधे अपनाने में सफल होंगे, जिससे उनकी आर्थिकता भी मजबूत होगी। इस बाबत सरकार व हलके की नुमाइंदगी करने वाले प्रत्याशियों को गंभीरता दिखानी चाहिए। यह बेहद सफल कदम हो सकता है, जिसका अन्य लोगों को भी लाभ मिलेगा। बनने चाहिए कोल्ड स्टोर

मुनीश कुमार ने कहा कि किसानों के लिए कोल्ड स्टोर की भी बेहद जरूरत है, क्योंकि अब किसानों को निजी कोल्ड स्टोर से मदद लेनी पड़ती है, जिसका खर्च किसानों के लिए उठाना बेहद मुश्किल हो जाती है, जिस कारण किसान कई ऐसी सब्जी हैं, जिनका उत्पादन सीमित मात्रा में ही करते हैं, क्योंकि इनकी संभाल के लिए कोल्ड स्टोर पर्याप्त नहीं है। अगर किसानों को सरकारी कोल्ड स्टोर की सुविधा कम कीमत पर मिलेगी तो किसान अधिक उत्पादन करेंगे, जिसका उन्हें पर्याप्त लाभ मिल सकेगा। आने वाली सरकार को इलाके के लिए इस पर गौर अवश्य करना चाहिए, ताकि इलाके की तरक्की हो सके।


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