विक्टेमाइजेशन रद करवाने के लिए सड़क पर उतरे अध्याप
संवाद सहयोगी संगरूर अध्यापकों के संघर्ष के दौरान हुई विक्टेमाइजेशन को रद करने संबंधी जानकारी दी।
संवाद सहयोगी, संगरूर :
अध्यापकों के संघर्ष के दौरान हुई विक्टेमाइजेशन को रद करने संबंधी चार मंत्रियों की सब कमेटी द्वारा दिया फैसला लागू न करने से खफा बध्यापकों ने डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के आह्वान पर वीरवार को डीसी कार्यालय के समक्ष शिक्षा सचिव का पुतला जलाकर नारेबाजी की। डीटीएफ से निर्भय सिंह, मेघराज, पंजाब व यूटी संघर्ष मोर्चे के जिला कनवीनर रघवीर भवानीगढ़, अध्यापक नेता सुखविदर गिर ने कहा कि समूह विक्टेमाइजेशनों रद कर अच्छा शैक्षिक माहौल बनाने के बजाय शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार उलट दिशा की ओर काम कर रहे है। उन्होंने आदर्श स्कूल मैनेजमेंटों द्वारा किए जाते घपलों को उजागर करने वाले नौ अध्यापक नेताओं की बहाल करने, अमृतसर जिले के अध्यापक नेता जरमनजीत सिंह, अश्वनी अवस्थी सहित पांच नेताओं की निलंबित की पेंडिग जांच रद करने, सांझा फ्रंट मोर्चा के कनवीनर सुखविदर सिंह चाहल व बलकार सिंह को जारी चार्जशीट रद करने, संघर्षो के दौरान दर्ज पुलिस केस बहाने रोके गए 8886 अध्यापकों के रेगुलर आर्डर जारी करने, वेतन कटौती के फैसले को जबरी लागू करवाने के लिए विक्टेमाइज किए गए अध्यापकों को उनके स्टेशनों पर दोबारा लगवाने की मांग की। गुरजंट मूनक व यादविदर धूरी ने बताया कि शिक्षा सचिव द्वारा सरकार की शह पर ओडीएल शिक्षा प्राप्त अध्यापकों को नियमित न करने, कच्चे अध्यापकों व नान टीचिग की रेगुराइजेशन व अध्यापकों की तरक्की में अड़चन खड़ी करने, परख समय दोबारा दो वर्ष कर पूरे स्केल, भत्ते, शिक्षा विभाग में चार वर्ष पूरे कर चुके अध्यापकों का वार्षिक बढ़ोतरी व चार वर्षीय एसीपी लागू न करना, फालतू ऑनलाइन बैठक व शिक्षा विभाग की धक्केशाही नीति से घर से दूर नौकरी करते अध्यापकों के बदली करवाने पर सख्त शर्ते लागू कर अध्यापक वर्ग को मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ध्यान न दिया तो आने वाली समय में संघर्ष तेज किया जाएगा। मौके पर गुरदीप चीमां, मनोज लहरा, हेमंत संगरूर, भारत भूषण सुनाम, मनजीत लहरा, सुखपाल सफीपुर आदि उपस्थित थे।