नौ माह से खराब पड़ी है लिफ्ट, लोग हो रहे हैं परेशान
लोक निर्माण मंत्री का हलका होने के बावजूद संगरूर शहर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अश्वनी शर्मा, संगरूर
लोक निर्माण मंत्री का हलका होने के बावजूद संगरूर शहर के लोगों को सरकारी दफ्तरों में जमकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फंडों की कमी के कारण जहां जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स की लिफ्ट नौ माह से बंद पड़ी हुई है, वहीं दिव्यांग, बुजुर्ग व बीमार व्यक्तियों को हर दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है। हर दिन लोगों को दफ्तरों में कामकाज के लिए आना-जाना पड़ता है, लेकिन लिफ्ट चालू न होने से कई बुजुर्ग बिना काम के ही वापस लौट जाते हैं। कई बार मामला प्रशासन व संबंधित विभाग के ध्यान में लाने के बावजूद भी न तो लिफ्ट चालू हो पा रही है तथा न ही समस्या का कोई हल तलाशा गया है। लिहाजा नौ माह से लोग हर दिन भारी तकलीफ झेलते हुए चार मंजिला इमारत की सीढि़यां चढ़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि शहर के विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में नौ महीने से लिफ्ट खराब पड़ी हुई है। लिफ्ट ठीक होने के लिए गत नौ महीनों से फंडों का इंतजार किया जा रहा है। गत नौ महीनों से विकलांग, बुजुर्ग व्यक्ति सीढि़यों के सहारे दफ्तर में आने-जाने को मजबूर हो रहे हैं। बता दें कि जिला प्रबंधकीय कंप्लेक्स की यह बिल्डिग चार मंजिला है। जहां पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग अपना काम करवाने आते हैं। अच्छी सेहत वाले लोग तो सीढि़यों को आसानी से कुछ मिनटों में पार कर जाते हैं, लेकिन बुजुर्ग, विकलांग व्यक्ति व महिलाएं सीढि़यां चढ़कर ऊपरी मंजिल पर मौजूद दफ्तरों तक पहुंचने में असमर्थ हैं। कई बुजुर्गों की दो सीढि़यां चढ़कर सांस फूल जाती है व वह नीचे सीढि़यों पर हाफने को मजबूर हैं। इसके अलावा दफ्तरों में में काम करने वाले कई कर्मचारी व अधिकारी भी विकलांग हैं, जिन्हें रोजाना मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
दफ्तर में कामकाज करवाने के लिए आए मेजर सिंह व कश्मीर सिंह ने बताया कि उनके पिता का मेडिकल बिल सिविल सर्जन दफ्तर में से पास करवाने थे। पिता चलने फिरने में असमर्थ होने के कारण लोहे के शिकंजे के सहारे ही चलते हैं। लिफ्ट न चालू होने के कारण उन्हें काफी मुश्किल से सीढि़यां चढ़कर दफ्तर जाना पड़ा। लिफ्ट न चलने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है। सिविल सर्जन दफ्तर में रोजाना ही लोगों को कामकाज करवाने के लिए आना पड़ता है, जिसके मद्देनजर लिफ्ट ठीक करवाई जानी चाहिए। आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता अवतार सिंह ईलवाल ने कहा कि गत नौ महीनों से लिफ्ट बंद पड़ी है इसके बारे में जानते हुए विभाग द्वारा फंड जारी नहीं किए जा रहे हैं। यह बेहद दुखदायक है, क्योंकि सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों व विकलांगों को होती है। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत फंड जारी करे।
लोक निर्माण विभाग बिजली के एक्सईएन पवन आहूजा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लिफ्ट की मरम्मत पर आने वाले खर्च अनुमानन 6 लाख 96 हजार रुपये बनता है। फंडों के लिए मुख्य कार्याल्य को लिखा गया है। फंड आने पर ही मरम्मत की जा सकती है। जल्द ही फंड मिलने पर मरम्मत करवाई जाएगी।