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चुनाव घोषणा पत्र न बन जाएं, केवल लोक लुभावने पत्र

विधानसभा चुनाव यानी वादों व दावों की झड़ी का मौसम चल रहा है। हर राजनीतिक पार्टियां तरह-तरह के लुभावने वादों का बाजार सजाकर वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 05:24 PM (IST)
चुनाव घोषणा पत्र न बन जाएं, केवल लोक लुभावने पत्र
चुनाव घोषणा पत्र न बन जाएं, केवल लोक लुभावने पत्र

जागरण संवाददाता, संगरूर : विधानसभा चुनाव यानी वादों व दावों की झड़ी का मौसम चल रहा है। हर राजनीतिक पार्टियां तरह-तरह के लुभावने वादों का बाजार सजाकर वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रही हैं। हर बार ऐसा ही होता है कि राजनीतिक पार्टियां वादे करती हैं व पांच वर्ष में अपने वादे पूरे नहीं करती। लिहाजा वोटर खुद को ठगा का महसूस करते हैं। सबसे पहले मुख्य चुनाव आयोग को यह कदम उठाना चाहिए कि हर राजनीतिक पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र को कानूनी दस्तावेज की मान्यता दी जानी चाहिए, ताकि अपने वादे पूरे न करने वाली पार्टी की मान्यता को तुरंत रद किया जाना चाहिए। वोटर राजीतिक पार्टियों की ठगी से बच सकें व पार्टियां भी वहीं वादे जनता से करें, जिन्हें पूरा किया जा सके। अब कोई पार्टी मुफ्त गारंटियां बांट रही है तो अन्य पार्टियों इन गारंटियों से कई गुणा सुविधा देने का वादा कर रही हैं। इस संबंधी शहर के दुकानदारों ने अपने विचार पेश किए।

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किसी भी लालची नेता को अपना कीमती वोट न दें

कारोबारी पवन कुमार ने कहा कि वोट डालना हमारा फर्ज है। हमें वोट जरूर डालनी चाहिए, लेकिन इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जिस नेता को वोट देना है, वह किस प्रकार की नीयत का है। कहीं लालची व सुस्त तो नहीं है। इसलिए सही वोट का इस्तेमाल करें। शिक्षित व मेहनती उम्मीदवार को ही अपना वोट दें, ताकि इलाके का नहीं, राज्य का विकास हो सके। काम करने वाले नेता चुनें

दुकानदार हर्ष वर्मा ने कहा कि यह समय नेताओं को चाहिए कि वह पार्टीबाजी से ऊपर उठकर लोगों के काम करें, ताकि मजबूत लोकतंत्र का निर्माण हो सके। अगर प्रत्येक व्यक्ति का काम होगा तो नए लोगों का वोट डालने में यकीन बढ़ेगा। नेता लोगों से जुड़कर काम करें और गुटबंदी पैदा न करें। गुटबाजी के कारण लोग बंट जाते हैं, जिससे इलाके का विकास रुक जाता है।

देश का भविष्य सुरक्षित करने वाला हो नेता

रणजीत बरिआह ने कहा कि हमें देखना चाहिए कि कौन सा नेता हमारे लिए सही है। कुछ नेता ऐसे होते हैं, जो जीतने के बाद भी जनता का कार्य नहीं करते। इसलिए सरकार व जनता के बीच गहरा रिश्ता बनाकर रखने वाला नेता होना चाहिए। बाहरी व्यक्ति अक्सर चुनावों के बाद गुल हो जाते हैं व पूरे कार्यकाल दिखाई नहीं पड़ते। ऐसे चेहरे को चुनें जो जनता से जुड़ा हो व लोगों की पहुंच में हो।

विकास को पहल दे नेता

दुकानदार राज कुमार शर्मा ने कहा कि उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए कि जनता का भविष्य संवारने में यकीन रखता हो। सरकार बनते ही वह जरूरतमंद लोगों व विकास योजनाओं को जल्द बनाकर लागू करवाए। हलके की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर समाधान करे। अगर किसी के बहकावे में आकर मतदान करें तो अगले पांच वर्ष तक पछतावा झेलना होगा। इसलिए पूरी समझदारी से मतदान करें। सही नेता चुनने के लिए मतदान करें

दुकानदार अनिल गोयल ने कहा कि एक अच्छा नेता देश का भविष्य होता है। आगे होने वाले प्रत्येक कार्य के लिए बनने वाली सरकार पर निर्भर होता है। ऐसे में वोट डालते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि देश के भविष्य के बारे सोचने वाले नेता का चयन करें। अगर नेता अपने निजी स्वार्थ तक सीमित रहने वाला होगा तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सही उम्मीदवार का चयन ही राज्य व इलाके की तकदीर बदल सकता है।


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