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बरसात के कारण घग्गर दरिया के बांध की मिट्टी खिसकी, किसान चितित

मूनक-टोहाना रोड पर मूनक की तरफ घग्गर दरिया का बांध बरसात के पानी के कारण 50 फीट चौड़ाई तक घग्गर में बह गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 10:21 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 10:21 PM (IST)
बरसात के कारण घग्गर दरिया के बांध की मिट्टी खिसकी, किसान चितित
बरसात के कारण घग्गर दरिया के बांध की मिट्टी खिसकी, किसान चितित

संवाद सूत्र, मूनक (संगरूर) : मूनक-टोहाना रोड पर मूनक की तरफ घग्गर दरिया का बांध बरसात के पानी के कारण 50 फीट चौड़ाई तक घग्गर में बह गया। बरसात के पानी में बहे इस पुल ने प्रशासन के प्रबंधों की पोल खोल कर रख दी है। अभी मानसून की पहली बरसात ने ही घग्गर का पुल बह रहा है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले दिनों में घग्गर के किनारे बसे गांवों के लोगों को सचेत रहना होगा। अगले दिनों में घग्गर में पानी की जलस्तर बढ़ने लगेगा। बांध को भरने के लिए मनरेगा के मजदूर मौके पर पहुंचे व प्रशासन ने काम आरंभ करवा दिया। मिट्टी के थैले भरकर बांध पर लगाने का काम शुरू कर दिया गया।

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उल्लेखनीय है कि शनिवार रात से रविवार तक हुई तेज व लगातार बारिश के कारण घग्गर दरिया के बांध की मिट्टी खिसक गई। पंचायती विभाग ने खेतों के अधिक पानी वापस दरिया में डालने के लिए डाले गए पाइप के ऊपर से मिट्टी गिरने के कारण स्थानीय किसानों व प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ गई है। राहत वाली बात यह है कि घग्गर दरिया के पानी का लेवल अभी कम ही था, जिस कारण अधिक नुकसान होने से बचाव हो गया। किसान अमरीक सिंह सैणी ने कहा कि दरिया को पक्का करने के दावे पूरी तरह से खोखले साबित हो रहे हैं। अभी घग्गर दरिया का लेबल आधा ही था। किसान गुरजंट सिंह नंबरदार ने कहा कि बरसात के कारण मूनक समेत सुरजन भैणी, सलेमगढ़, भुंदड़ भैणी व हमीरगढ़ के खेतों में पानी जमा हो गया है। बरसात के कारण पानी से यह बांध की मिट्टी रिसने से खिसक गई व करीब 50 फीट चौड़ा कटाव बन गया। कटाव भरने के लिए पहुंचे मजदूर

सहायक कमिश्नर सूबा सिंह ने कहा कि कटाव को भरने के लिए प्रशासन सहित मनरेगा मजदूर पहुंच गए हैं। तार, थैले, मिट्टी व जेसीबी का प्रबंध कर दिया गया है। जल्द ही कटाव को भर दिया जाएगा। नेताओं ने घग्गर दरिया को चुनावी मुद्दा ही बनाया

आप के हलका इंचार्ज जसवीर सिंह कुदनी भी मौके पर पहुंचे व स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों से सत्ता कर रहे विरोधी पक्षों के नेताओं ने घग्गर दरिया को केवल एक चुनावी मुद्दा ही समझा है। 2022 में आम आदमी की सरकार आने के बाद वह पहल के आधार पर घग्गर दरिया का मसला हल करेंगे। किसान काबल सिंह, नरिदर सिंह, एमसी रघवीर सिंह सैणी, गुरनाम सिंह, बुट्टा सिंह उपस्थित थे।


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