कुदरत के अनमोल रत्न भूजल को बचाने को करेंगे सीधी बुआई
नजदीकी गांव संगतपुरा खोखर व हरियाऊ में पंजाब खेतीबाड़ी विभाग द्वारा धान की सीधी बुआई व खरीफ फसलों की काश्त संबंधी किसान सिखलाई कैंप का आयोजन किया गया।
संवाद सूत्र, लहरागागा
नजदीकी गांव संगतपुरा, खोखर व हरियाऊ में पंजाब खेतीबाड़ी विभाग द्वारा धान की सीधी बुआई व खरीफ फसलों की काश्त संबंधी किसान सिखलाई कैंप का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।
प्रोग्राम के आयोजक डा. बूटा सिंह रोमाणा ने किसानों को कुदरत के अनमोल तोहफे जल की बचत करने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जिला संगरूर, बरनाला, मोगा व मानसा में भूजल लगातार गिरता जा रहा है। इसकी गुणवता भी खत्म होती जा रही है। इसका मुख्य कारण लंबे समय से धान की रोपाई व जरूरत से अधिक जमीन से पानी निकालना है। इसलिए जरूरी है कि कम समय व कम पानी मांगने वाली धान की पीआर 126, 124, 130, 131 सहित पूसा बासमती 1509 की काश्त की जाए। इससे पानी की 15 से 20 प्रतिशत बचत होती है। इसके अलावा डीजल, बिजली, पानी आदि की बचत होती है। केवीके खेड़ी से पहुंचे इंजीनियर सुनील कुमार ने किसानों को सीधी बुआई करने की तक्नीक, नदीन की रोकथाम, स्प्रे संबंधी जानकारी दी। किसान वासदेव शर्मा, वकील सिंह व मुख्तैयार सिंह ने अपने खेती तुजुर्बे सांझे किए। आखिर में खेतीबाड़ी माहिरों ने धान, मक्की व नरमे के खेतों का निरीक्षण किया। किसानों को गुलाबी सुंडी के हमले की सूरत में बचाव के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर किसान मौजूद थे।