मीमसा मामले में केस रद करने की रखी मांग, अन्यथा संघर्ष
नजदीकी गांव मीमसा में 15 जून 2019 को दर्ज हुए कथित पर्चे को रद कराने की मांग को लेकर मीमसा जबर विरोधी एक्शन कमेटी ने एसएसपी संगरूर से मुलाकात की।
जागरण संवाददाता, संगरूर
नजदीकी गांव मीमसा में 15 जून 2019 को दर्ज हुए कथित पर्चे को रद कराने की मांग को लेकर मीमसा जबर विरोधी एक्शन कमेटी ने एसएसपी संगरूर से मुलाकात की। कमेटी के नेता लखवीर सिंह लोंगोवाल, संजीव मिटू, हरभजन बुटर, स्वर्णजीत सिंह ने बताया कि जिस नेता पर झूठा पर्चा डाला गया है, उस संबंधी अभी जांच चल रही है, जिसे पूरा करने की जिम्मेदारी एसपी (डी) गुरप्रीत की लगाई गई है। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर 2019 को तत्कालीन एसएसपी संदीप गर्ग ने दर्ज पर्चा रद कर दिया था, लेकिन मार्च 2021 में पता चला है कि पर्चा रद हुआ ही नहीं। उन्होंने बताया कि इस संबंधी 30 मार्च 2021 को एसएसपी संगरूर को डैपुटेशन मिला था जहां उन्हें बताया था कि 15 जून 2019 को गांव मीमसा से रैली करवाकर वापस लौट रहे कमेटी कार्यकर्ता को गांव जखलां में मीमसा के सरपंच ने 25 गुंडों से कातिलाना हमला करवा दिया था। दो नेताओं को अगवा कर उनसे घर ले जाकर मारपीट की थी। तब जांच के आधार पर मीमसा का सरपंच व उसके साथी दोषी साबित हुए थे, जो उस समय मीमसा के सरपंच ने झूठा पर्चा दर्ज करवाया था, वह जांच के आधार पर एसएसपी संगरूर ने रद कर दिया था। करीब डेढ़ वर्ष के बाद जो पर्चा रद हो चुका है, उस पर्चे को रद न करना यह साबित करता है कि सब कुछ राजनीति दबाव में हो रहा है। उन्होंने मामला दर्ज करने की मांग की।