पंजाबी को भाषाओं के कानून में शामिल करने की अपील
जागरण संवाददाता संगरूर जम्मू कश्मीर की सरकारी भाषाओं संबंधी बनाए जा रहे कानून में पंजाबी को शामिल करने की मांग।
जागरण संवाददाता, संगरूर
जम्मू कश्मीर की सरकारी भाषाओं संबंधी बनाए जा रहे कानून में पंजाबी भाषा को शामिल न करने के विरोध में जम्हूरी संगठन, साहित्य, कला, भाषा प्रेमियों द्वारा इक्टठे होकर शहर में रोष रैली की गई। बनासर बाग से आरंभ हुई रोष रैली स्थानीय बड़ा चौक में पहुंचकर संपन्न हुई। इंकलाबी जम्हूरी मोर्चा के नेता स्वर्णजीत सिंह, पंजाब रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन के संदीप कौर, गुरविदर सिंह, क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के नेता धर्मपाल सिंह, तर्कशील सोसायटी के नेता परम वेद, डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के नेता दाता सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अपने एजेंडे को पूरा करने हेतु अल्पसंख्यक लोगों के सभ्याचार, कला, साहित्य व भाषाओं पर लगातार हमले कर रही है। इसके तहत जम्मू कश्मीर में सरकारी भाषाओं संबंधी बनाए कानून में पंजाबी भाषा को शामिल न कर अपना अल्पसंख्यक वर्ग विरोधी चेहरा पेश किया है, जबकि इस प्रदेश में बड़ी संख्या में पंजाबी भाषा बोलने वाले लोग हैं। उन्होंने सरकार से पंजाबी भाषा को शामिल करने, जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाकर इसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने, भीमा कोरेगाव केस व दिल्ली हिसा केस में गिरफ्तार किए बुद्घिजीवि, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों, छात्रों को तुरंत रिहा करने की मांग की। मौके पर केंद्रीय लेखक सभा के नेता भगवंत सिंह, जमहूरी अधिकार सभा के नेता मनधीर सिंह, जगरूप सिंह, बाबा बंदा सिंह बहादर वेल्फेयर सोसायटी के बहाल सिंह आदि उपस्थित थे।