कोरोना व डेंगू का कहर तेज, लोगों के लापरवाह होने से बिगड़ रहे हालात
नवंबर माह के दौरान कोरोना के नए केसों में इजाफा होने व मृतकों की संख्या बढ़ रही है।
मनदीप/अश्वनी, संगरूर
नवंबर माह के दौरान कोरोना के नए केसों में इजाफा होने व मृतकों की गिनती हर दिन बढ़ने से सेहत विभाग की चिता बढ़ने लगी है। साथ ही डेंगू के मरीजों में भी तेजी से वृद्धि हो रही है, जिस कारण सेहत विभाग के लिए चौतरफा चिता आरंभ हो गई है। नवंबर माह की बात करें तो अब तक जहां 16 मरीजों की कोरोना से मौत व 206 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं, वहीं डेंगू के मरीजों की गिनती केवल संगरूर इलाके में ही 74 है। ऐसे में साफ समझा सकता है कि कोरोना के साथ ही डेंगू भी अब खतरनाक स्थिति में पहुंचता जा रहा है। प्रशासन की ढील के कारण लोग कोरोना से बचाव के लिए बरती जा रही सावधानियों का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं, लिहाजा कोरोना की दूसरी स्टेज आरंभ होने लगी है।
उल्लेखनीय है कि जिला संगरूर की बात करें तो जुलाई माह के बाद जिले में कोरोना का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ा है। अगस्त माह में 1148 नए केस सामने आए थे व 61 लोगों की मौत हो गई थी। सितंबर में 1332 मरीज सामने आए व 60 मरीजों की मौत हुई। ऐसे में साफ समझा सकता है कि जिले में कोरोना की स्थिति काफी बिगड़ी रही व इसी कारण पंजाब के भी राज्यों में से संगरूर जिला कोरोना मरीजों व मौत दर के मामले में पांचवें स्थान पर रहा। अब तक जिले में 181 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है, जिसमें से सबसे अधिक मरीजों की मौत ब्लाक संगरूर में 35 तक पहुंच गई है। अभी भी जिले में 96 एक्टिव केस मौजूद हैं। बेशक कोरोना पर फतेह पाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन नवंबर माह के दौरान हर दिन मरीज की मौत हो रही है, जिसकी बदौलत पिछले 20 दिन में 16 मरीजों की मौत हो चुकी है, वहीं दो सौ से अधिक नए मरीज सामने आए हैं। बंद किए कोविड केयर सेंटर, घर पर मरीजों की मौत
सरकार ने कोरोना महामारी के केस कम होने पर तुरंत ही कोविड केयर सेंटरों को बंद कर दिया है और अब कोरोना के मरीजों को घर पर ही आइसोलेट कर दिया जाता है, लेकिन इस कारण स्थिति बिगड़ रही है। 17 नवंबर को ही फतेहगढ़ पंजगराइयां ब्लाक में एक 26 वर्षीय युवक की घर पर आइसोलेशन के दौरान कोरोना से मौत हुई। इससे पहले 59 वर्षीय पुरुष की भी घर पर आईसोलेशन के दौरान मौत हो चुकी है। घर पर पर्याप्त डाक्टरी सुविधा न मिल पाने व पुरानी बीमारियों के कारण मरीजों की स्थिति बिगड़ रही है, जिससे मरीज मौक का ग्रास बन रहे हैं। हर जगह बढ़ती लापरवाही, खतरे की घंटी
शहर के अस्पताल हो या मेन बाजार, बस में सफर कर रहे हैं या सब्जी मंडी में खरीददारी, अब हर जगह लोग बिना मास्क के आम दिखाई देते हैं। मास्क न पहनने व शारीरिक दूरी का पालन न करने की वजह से कोरोना की स्थिति बिगड़ रही है। मार्च-अप्रैल माह दौरान जहां मास्क न पहनने व शारीरिक दूरी का पालन न करने पर चालान काटे जा रहे थे, वहीं अब लोग बिना मास्क के भीड़-भाड़ की जगह पर घूम रहे हैं। प्रशासन व सेहत विभाग की हिदायतें भी केवल दिखावा बनकर रह गई है, जिस कारण कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। फिर से 88 हुई डेंगू के मरीजों की गिनती
जिले के सरकारी अस्पताल संगरूर व मालेरकोटला में डेंगू के मरीजों का मुफ्त टेस्ट किया जा रहा है। संगरूर में अब तक 328 टेस्ट हो चुके हैं, जिसमें से 78 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि मालेरकोटला में 258 टेस्टों मे से 14 व्यक्ति डेंगू पॉजिटिव सामने आए हैं। इसके चलते जिले में डेंगू के मरीजों की गिनती 88 हो गई है। डेंगू में लगातार रक्त में सेलों की कम होने वाली गिनती जहां बेहद खतरनाक है। ऐसे में कोरोना के एक्टिव केसों की गिनती भी जिले में 96 के करीब है। ऐसे में साफ है कि डेंगू व कोरोना के मरीजों की गिनती बराबरी पर पहुंच गई है। लोग बरतें सावधानियां, बीमारी से रहे दूर
डिप्टी कमिश्नर रामवीर ने लोगों से अपील की कि कोरोना महामारी की स्टेज दूसरे चरण में पहुंच रही है, जिसके चलते लोगों को सावधानियों का गंभीरता से पालन करना चाहिए। लोग बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, स्वाद या सूंघने की शक्ति कमजोर होने पर तुरंत अपना कोरोना टैस्ट करवाएं, ताकि मरीज की समय पर पहचान हो सकें। वहीं डेंगू का टैस्ट भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त किया जा रहा है। लोग अपना समय पर टैस्ट सरकारी अस्पताल से करवाएं। लोग अपने आसपास साफ पानी जमा न होने दें, ताकि डेंगू के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। उन्होंने सेहत विभाग को हिदायत दी कि लोगों को लगातार जागरूक करें, ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके।