चार घंटे बस स्टैंड बंद, सड़क पर भटकते रहे यात्री, ट्रैफिक जाम
सरकारी बसों का पहिया पिछले चार दिन से जाम है।
जागरण संवाददाता, संगरूर
सरकारी बसों का पहिया पिछले चार दिन से जाम है। पंजाब रोडवेज/पनबस व पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिमों को रेगुलर करने की मांग की खातिर आरंभ की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल को तेज करते हुए कच्चे मुलाजिमों ने वीरवार को चार घंटे के लिए बस स्टैंड को मुकम्मल तौर पर बंद रखा। करो या मरो की नीति के तहत संघर्ष की राह पर चल रहे कच्चे मुलाजिमों ने एलान किया कि जब तक उन्हें रेगुलर नहीं किया जाएगा, तब तक वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे। चार घंटे बस स्टैंड बंद होने के कारण बसें व यात्री बस स्टैंड के भीतर नहीं जा पाए। बस स्टैंड के दोनों गेटों को ताला लगाकर बंद कर दिया गया था। ऐसे में बस स्टैंड के बाहर ही दोपहर दो बजे तक बसों का जमावड़ा लगा रहा। यात्रियों को यहीं से प्राइवेट बसों में सफल करना पड़ा। साथ ही चार दिन से अस्सी फीसद सरकारी बसें न चलने के कारण पीआरटीसी संगरूर डिपो को करीब 32 लाख का आर्थिक नुकसान हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से बुधवार की बैठक बेनतीजा रहने के बाद हड़ताल के चौथे दिन सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक बस स्टैंड बंद रखकर रोष प्रदर्शन किया गया। साथ में 10 सितंबर को सिसवा फार्म का घेराव करने का एलान किया गया। पीआरटीसी मुलाजिम संघर्ष कमेटी के सचिव सुखजिदर सिंह व चेयरमैन लखवीर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा मुलाजिमों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
-------------------- अन्य संगठनों ने भी संघर्ष की हिमायत की
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां, हरियाणा रोडवेज की समूह सगंठन व सीटीयू की समूह संगठन सहित छात्र संगठनों द्वारा समर्थन का एलान किया गया। संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले ट्रांसपोर्ट माफिया खत्म करने का वादा किया था। घर-घर नौकरी सहित कई अहम वादे जनता से किए, लेकिन अब तक एक भी सही ढंग से पूरा नहीं किया गया।
------------------------ यह हैं मुलाजिमों की मांगें
योगराज सिंह व कुलदीप सिंह ने मांग की कि पंजाब रोडवेज पनबस व पीआरटीस में कम से कम 10 हजार बसें डाली जाएं, कच्चे मुलाजिमों को पक्का किया जाए, बराबर काम बराबर वेतन दिया जाए, रिपोर्ट की कंडीशन रद्द कर मुलाजिम बहाल की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मुलाजिमों पर दबाव डाला या मांगों का हल न किया तो रोष प्रदर्शन शुरु किए जाएंगें।
------------ कई रूट पड़े हैं ठप, लाखों का नुकसान पीआरटीसी संगरूर डिपो के इंचार्ज मलकीत सिंह का कहना है कि कच्चे मुलाजिमों की हड़ताल के कारण चार दिन से बस परिवहन प्रभावित है। अधिकतर रूटों पर इक्का-दुक्का बसें ही जा रही हैं, जबकि अधिकतर रूट ठप पड़े हैं। चार दिन की हड़ताल से तीस लाख से अधिक का आर्थिक नुकसान हो चुका है, क्योंकि बसें न चलने के कारण आमदन ठप हो गई है। ---------------------- रोजाना हो रही परेशानी
यात्री प्रेम कुमार, जगसीर सिंह, लखविदर सिंह, प्रेम लत्ता ने कहा कि वह रोजाना सफर करते हैं। बस पास बनवाए हुए हैं। सरकारी बसें न चलने के कारण मजबूरन प्राइवेट बसों में सफर कर रहे हैं, जिस कारण जहां पास फीस का नुकसान हुआ, वहीं जेब से पैसे खर्च करके सफर करना पड़ता है। इतनी ही नहीं, लंबे समय तक खड़े होकर बस स्टैंड पर बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। अगर अगले दिनों में हड़ताल न खुली तो परेशानी और बढ़ेगी व आम यात्रियों को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ेगा।