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दस घंटे थम गया शहर, रास्ते बंद कर लौटाए लोग

संयुक्त किसान मोर्चा की काल पर सोमवार को भारत बंद का जिलेभर में जबरदस्त समर्थन देखने को मिला। बस स्टैंड बाजार पेट्रोल पंप शराब के ठेके दूध की डेयरी सब्जी मंडी इत्यादि मुकम्मल तौर पर बंद रहे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 10:32 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 10:32 PM (IST)
दस घंटे थम गया शहर, रास्ते बंद कर लौटाए लोग
दस घंटे थम गया शहर, रास्ते बंद कर लौटाए लोग

जागरण संवाददाता, संगरूर : संयुक्त किसान मोर्चा की काल पर सोमवार को भारत बंद का जिलेभर में जबरदस्त समर्थन देखने को मिला। बस स्टैंड, बाजार, पेट्रोल पंप, शराब के ठेके, दूध की डेयरी, सब्जी मंडी इत्यादि मुकम्मल तौर पर बंद रहे। बेशक इक्का-दुक्का बैंक सुबह रोजमर्रा की भांति खुले, लेकिन इसके बाद किसान संगठनों ने वह बैंक भी बंद करवा दिए। सरकारी दफ्तर खुले रहे, लेकिन इनमें मुलाजिमों की गिनती नाममात्र रही। क्योंकि रेल व सड़क परिवहन बंद होने के कारण मुलाजिम बाहरी शहरों से नहीं पहुंच पाए। प्राइमरी स्कूल-कालेज मुकम्मल बंद रहे। मगर सरकारी स्कूल खुलने के बावजूद हाजरी नाममात्र ही रही। सरकारी अस्पताल, मेडिकल शाप, लैबोरेटरी व निजी क्लीनिक खुले रहे। मगर यहां पर भी भीड़ काफी कम रही। सड़कों पर चक्का जाम के कारण सड़कों व बाजारों में शाम तक सन्नाटा पसरा रहा। पीआरटीसी व पनबस रोडवेड कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन ने भी भारत बंद का समर्थन देते हुए बस परिवहन बंद रखा।

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किसानों ने विभिन्न स्थानों पर धरने प्रदर्शन किए। भाकियू एकता उगराहां इकाई संगरूर ने खेड़ी के पंप पर ब्लाक प्रधान गोबिदर सिंह मंगवाल की अगुवाई में जाम लगाया। महावीर चौक पर जाम रहा। बडरूखां में पुलिस चौकी रजबाहे पर नेशनल हाईवे के बीच टेंट लगाकर जाम किया गया। दुकानदारों ने दुकानें बंद रखकर किसानों का समर्थन किया। पेट्रोल पंप, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मेन बाजार पर बंद का पूरा असर देखने को मिला। किसानों के धरने के चलते आने- जाने वाले लोगों को वापस लौटना पड़ा। संगरूर- बरनाला नेशनल हाईवे पर बीचों-बीच वाहन खड़े कर सड़क को बंद किया गया। ऐहतिहात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात था। विभिन्न संगठनों ने बंद का समर्थन किया। इनमें सरकारी दफ्तरों के मिनिस्टीरियल मुलाजिम, आढ़ती, मजदूर व कारोबारी शामिल थे। अहमदगढ़ में खड़ी रही कोटा जाने वाली रेलगाड़ी:-

कटरा से चलकर कोटा जाने वाली कटरा-कोटा एक्सप्रेस रेलगाड़ी को बंद के कारण सुबह ही अहमदगढ़ के रेलवे स्टेशन पर ही रोक दिया गया। सैंकड़ों की गिनती में यात्री रेलवे स्टेशन पर खाना, पानी के लिए भटकते दिखाई दिए। सड़क परिवहन भी बंद होने कारण यात्री रेलगाड़ी में ही इंतजार करने के लिए मजबूर हुए। इलाके की संस्थाओं ने यात्रियों के लिए लंगर का प्रबंध किया। यात्री कृष्ण मूर्ति व लीला रानी ने कहा कि वह उधमपुर से चलकर विजयवाड़ा जा रहे हैं। रेलगाड़ी यहां रुक गई है। तीन बच्चे साथ हैं व पूरा परिवार बेहद परेशान हैं। सुबह से रेलगाड़ी स्टेशन पर खड़ी है। ऐसी ही शिवाजी कुमार, कन्या देवी, स्वाती देवगौड़ा, जोगिदर सहित अन्य भारी गिनती में यात्री रेलगाड़ी में परेशान होते दिखाई दिए। सुनाम स्टेशन पर तीन ट्रेनें नहीं पहुंची

किसान आंदोलन के चलते सुनाम स्टेशन पर आने वाली ट्रेनें भी प्रभावित हो गई। सबसे पहले पांच बजकर 55 मिनट पर लुधियाना से सिरसा जाने वाली ट्रेन, सात बजकर 20 मिनट पर भिवानी से लुधियाना, सुबह 11 बजे लुधियाना से हिसार चलने वाली ट्रेनें मिस रहीं। सुनाम स्टेशन मास्टर मुताबिक ट्रेनों के पहिया थमने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। धूरी जंक्शन पर भी रेलगाड़ियों का पहिया जाम रहा। नहीं चल पाई बसें, लाखों का नुकसान

बंद के दौरान सरकारी व प्राइवेट बसें भी नहीं चल पाई। पीआरटीसी की सभी बसें दिन भर बस स्टैंड के भीतर ही कैद रही। बस स्टैंड पर बैठे प्रीतम कुमार, लक्षमण कुमार ने कहा कि उन्हें अमृतसर व दिल्ली जाना था। सुबह बस स्टैंड पर पहुंचे, लेकिन कोई बस नहीं चली। शाम चार बजे तक इंतजार करना पड़ा। अड्डा इंचार्ज मलकीत सिंह ने कहा कि धरने प्रदर्शऩ के कारण बसों को बंद रखा गया। बसें न चलने की वजह से लाखों रुपये का नुकसान हुआ।


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