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शादी के 14 साल बाद बजा बैंड बाजा, विदेश से आकर बच्चों के सामने पूरी की अधूरी तमन्‍ना

एक प्रेमी जोड़े ने 14 साल पहले शादी की थी। कोर्ट में हुई इस शादी में न तो जश्‍न मना था और न ही बैंड बाजा बजा था। यह अधूरी तमन्‍ना को उन्‍होंने अपने दो बच्‍चों के सामने पूरा की।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 01:39 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 08:57 AM (IST)
शादी के 14 साल बाद बजा बैंड बाजा, विदेश से आकर बच्चों के सामने पूरी की अधूरी तमन्‍ना
शादी के 14 साल बाद बजा बैंड बाजा, विदेश से आकर बच्चों के सामने पूरी की अधूरी तमन्‍ना

भवानीगढ़ (संगरूर), गुरविंदर सिंह। शादी के 14 साल बाद बैंड बाजा बजा और धमाल मचा। अपने दो बच्‍चों के सामने दंपती की अधूरी तमन्‍ना पूरी हुई तो उनके साथ-साथ परिजनों व रिश्‍तेदारों की खुशी का ठिकाना भी नहीं रहा। दरअसल उनकी कनाडा में 14 साल पहले शादी हुई थी, लेकिन इसमें न ढोल बजा और न शहनाई की गूंज सुनाई दी। कोर्ट में शादी हुई और नवदंपती घर लौट आया। फिर जिंदगी की भागदौड़ शुरू हो गई। विदेशी धरती ने दौलत के साथ खूब शोहरत दी। दो बच्चे भी हो गए, लेकिन दिल में एक मलाल रहा कि शादी में बैंड बाजा नहीं बजा। उन्‍होंने अपनी धरती पंजाब में आकर दोबारा शादी की।

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कनाडा में हुई थी कोर्ट मैरिज, पंजाब की धरती पर शादी की रस्में निभाने का किया था वादा

एनआरआइ जोड़े ने 14 साल के मलाल को धमाल में बदलने के लिए पंजाब आकर धूमधाम से दोबारा शादी की। दोनों फिर दूल्हा-दुल्हन बने। शादी से पहले प्री-वेडिंग भी करवाई। सारे दोस्तों व रिश्तेदारों को भी बुलाया। दूल्हा बरात लेकर नवांशहर के बंगा गया। वहां  धूम-धड़ाके और बैंड बाजे के साथ दोनों बच्चों के सामने फिर शादी की। संगरूर के राजेश व बंगा की सीमा की इस शादी की खूब तारीफ हो रही है और यह सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड भी हो रही है। कुछ हैरान हैं तो कुछ पत्‍नी के प्यार के लिए किए गए इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं।

शादी समारोह में परिजनों के साथ दंपती।

हमेशा अधूरी लगती थी खुशी

भवानीगढ़ के काका राम कौशल के बेटे राजेश ने बताया कि वह स्टडी वीजा पर कनाडा के सरी गया था। वहां सीमा से मुलाकात हुई। मुलाकात प्यार में बदल गई और दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली। विदेश में अपने रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ मिलकर छोटी सी पार्टी आयोजित कर शादी की खुशी मनाई। लेकिन, यह खुशी कुछ अधूरी सी लगती थी।

तय किया था एक बार पंजाब जाकर शादी करेंगे

राजेश ने बताया कि विदेश में शादी के समय ही दोनों ने तय किया था कि जिंदगी में जब कभी वक्त मिला तो पंजाब में अपने गांव जाकर धूमधाम से शादी जरूर करेंगे। वहां बैंड बाजा बजेगा, शहनाई गूंजेगी और पूरे गांव को बुलाएंगे। इस शादी से न केवल उन्होंने एक-दूसरे से किया वादा पूरा किया, बल्कि बच्चों को पंजाबी सभ्याचार व रीति-रिवाज से भी जोड़ा। बच्चों को अपनी अमीर विरासत से पहचान भी करवाई।

अपने बच्‍चाें के साथ दंपती। (फाइल फोटो)।

पंजाब लौटते ही सीमा को भेज दिया मायके

राजेश ने बताया कि पंजाब लौटते ही पत्नी सीमा को उसके मायके बंगा भेज दिया। वह अपने घर गांव बालद खुर्द भवानीगढ़ आ गया। उसने दोबारा शादी की इच्छा जताई तो दोनों परिवारों ने शादी की तैयारियां शुरू कर दीं। आज उनके समेत परिवार का भी शादी का चाव पूरा हुआ।

अब जाकर दुल्हन का जोड़ा व चूड़ा पहना

सीमा ने बताया कि हर लड़की का सपना होता है कि वह दुल्हन का जोड़ा पहने। हाथों में चूड़ा डाले। आज उसका वो सपना सच हो पाया है। वह बहुत खुश हैं कि आज अपने परिवार के बीच शादी के जोड़े में पहुंची हैं।

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