आंगनबाड़ी वर्करों ने निकाली मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री की शव यात्रा
आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू की अगुआई में आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन जारी।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू की अगुआई में आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों ने शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिगला की कोठी के समक्ष चल रहे पक्के आंदोलन के 25वें दिन शुक्रवार को शहर में शवयात्रा निकाली। स्कूटी व अन्य वाहनों सहित पैदल आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने शिक्षामंत्री की कोठी से शहर के बाजारों से होते हुए दोबारा कोठी तक पहुंचकर रोष जाहिर किया। आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू राष्ट्रीय प्रधान उषा रानी, राज्य उप प्रधान गुरमेल कौर ने कहा कि पंजाब सरकार महामारी की आड़ में शिक्षा विरोधी फैसले ले रही है, जिससे बच्चों का भविष्य दांव पर लग चुका है। तीन से छह वर्षों के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र का शिगार बनाने के लिए लगातार गर्मी, सर्दी, बारिश, आंधी सभी कठिन परिस्थितियों में संघर्ष किया जा रहा है, लेकिन उनकी मांगों प्रति सरकरा चुप्पी साधे बैठी हैं व संघर्ष के 25 दिन बाद भी किसी ने उनकी सार नहीं ली। यूनियन ने आंगनबाड़ी वर्करों के 600 रुपये, मिनी वर्कर के 500 रुपये व हेल्पर के 300 रुपये बकाया सहित लागू करने, तीन से छह वर्षों के बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्रों में दाखिला यकीनी बनाने, आंगनबाड़ी वर्करों से अतिरिक्त काम लेना बंद करने, आंगनबाड़ी केंद्रों का दो वर्षों का बकाया जारी करने, खाली पोस्टें तुरंत भरने की मांग की। वर्करों ने तीनों कृषि कानूनों को रद करने सहित चार लेबर कोड रद्द करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगों का हल नहीं हो जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा। क्योंकि सरका उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।