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आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल के स्टाफ ने कंपनी के खिलाफ जताया रोष

संवाद सूत्र सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) रोज गार्डन में नजदीकी गांव गंढुआं के आदर्श सीनियर सेकेंडरी के स्कूल स्टाफ ने किया प्रदर्शन।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 05:37 PM (IST)
आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल के स्टाफ ने कंपनी के खिलाफ जताया रोष
आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल के स्टाफ ने कंपनी के खिलाफ जताया रोष

संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : रोज गार्डन में नजदीकी गांव गंढुआं के आदर्श सीनियर सेकंडरी स्कूल के अध्यापकों में पिछले कुछ महीनों से वेतन न मिलने के कारण मुंबई की एक निजी कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्कूल के अध्यापक अमनदीप शास्त्री व जसविदर कौर ने बताया कि यह स्कूल पंजाब एजुकेशन विकास बोर्ड चंडीगढ़ की तरफ से पीपीपी मोड पर आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्राइवेट कंपनी के साथ मिल कर वर्ष 2012 से चलाया जा रहा है। इसमें गांव गंढुआं के आसपास के तकरीबन 40 गांवों से 1800 के करीब बच्चे मुफ्त सीबीएसई बोर्ड की शिक्षा हासिल करते हैं। इन्हें स्कूल के करीब 100 अध्यापक कोरोना महामारी के दौरान भी निर्विघ्न आनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। वर्ष 2012 में बना यह स्कूल पहले कुछ वर्ष काफी सुचारू ढंग से चला, परंतु बाद में इस स्कूल को चला रही कंपनियां ने मनमानियां करके स्टाफ व विद्यार्थियों को सुविधाएं न देकर कर परेशान करना शुरू कर दिया। अब यह स्कूल मुंबई की एक निजी कंपनी को पिछले कुछ महीनों से दिया गया है, जिसने कोरोना महामारी के दौरान पिछले तकरीबन पांच महीनों से स्कूल स्टाफ को कोई वेतन नहीं दिया, जबकि स्कूल स्टाफ ने बच्चों की आनलाइन पढ़ाई व स्कूल के तरफ से दिए गए जरूरी काम लगातार जारी रखे हुए हैं। स्कूल स्टाफ ने बताया कि कोरोना महामारी ने उन्हें पहले ही आर्थिक तौर पर झंझोड़ कर रख दिया है। दूसरा इस कंपनी ने उन्हें अप्रैल 2020 के बाद 5 महीने बीतने पर कोई नहीं दी व शिक्षा विभाग पंजाब व पंजाब सरकार ने आदर्श स्कूलों के स्टाफ को वेतन देने संबंधित एक जून 2019 में जारी किए पत्र में रखे गए 10300 बेसिक पे का अनदेखा करके इस कंपनी ने अपने मुताबिक ही 27-28 पन्नों का नियुक्ति पत्र बना कर बेसिक पे सिर्फ 1800 से 4000 रुपये रखकर अलग अध्यापकों का अलग बेसिक पे लगाने के अलावा अन्य अनावश्यक शर्ते रखकर स्कूल स्टाफ को जबरन यह पत्र लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। स्कूल के स्टाफ ने यह अनावश्यक पत्र लेने से साफ इंकार कर दिया है। जिसके चलते कंपनी ने स्टाफ को पिछले पांच महीने से वेतन देने से ही इंकार नहीं किया, बल्कि भविष्य में भी वेतन देने से मना कर दिया है। इससे स्कूल स्टाफ के अलावा स्कूल में मुफ्त पढ़ते 1800 के करीब विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। उन्होंने बताया कि इस कंपनी ने स्कूल प्रिसिपल को भी केवल इस बात को लेकर स्कूल से निकाल दिया कि प्रिसिपल स्कूल स्टाफ से कंपनी द्वारा दिए पत्रों पर दस्तखत नहीं करवा सकी। इस मामले में गांव गंढूओं की पंचायत व स्कूल की एसएमसी कमेटी भी कंपनी द्वारा स्टाफ से की जा रही धक्केशाही के खिलाफ डट गई है। स्कूल स्टाफ व लगभग 40 गांवों की पंचायतों ने पंजाब सरकार, जिला प्रशासन व शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला से अपील की कि स्कूल स्टाफ व बच्चों के भविष्य को मद्देनजर रखते कंपनी द्वारा की जा रही धक्केशाही को रोका जाए व आदर्श स्कूल गंढूआं को इस कंपनी से वापस लेकर या तो शिक्षा विभाग अपने अधीन ले या यह स्कूल किसी अन्य कंपनी को दिया जाए।

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