आधि आबादी अनुसूचित वर्ग वाले 20 गांव बनेंगे आदर्श
संगरूर 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति आबादी वाले 20 गांव जल्दी ही बुनियादी ढांचे बढ़ाए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
जिले के 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति की आबादी वाले 20 गांव जल्द ही बुनियादी ढांचे व अन्य सुविधाओं लैस हो आदर्श गांव के तौर पहचान बनाएंगे। इन 20 गांवों का चयन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत हुआ है। इस योजना के अधीन इन गांवों के बहुपक्षीय विकास के लिए केंद्र सरकार 20-20 लाख रुपये खर्च करेगी। इस राशि की मदद से जल्द ही इन गांवों की सभी बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगी।
इस बारे में डीसी घनश्याम थोरी ने कहा कि सरकार द्वारा 10 मापदंडों के आधार पर 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति भाईचारे की जनसंख्या के आधार पर गावों का चयन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत किया गया है। इस योजना के तहत जिले के अकोई साहिब, फतेहगढ़ छन्ना, बंगावाली, राम नगर सीबिया, साहोके, भरूर, भूमसी, माहोराना, मोरांवाली, भट्टिया खुर्द, चांदू, मुंशीवाला (फतेह नगर), नकट्टे, रेतगड़, बीबड़, कलियाण, फलेड कलां, अमामगढ़, किला हकीमों व रत्नगढ़ सिधड़ा को चयनित किया गया है। सरकार की तरफ से इन गांवों के विकास के लिए 20-20 लाख रुपये की ग्रांट जारी की जाएगी। इस ग्रांट की मदद से गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ अन्य कार्य करवाए जाएंगे। जल्द आरंभ होंगे गांवों में विकास कार्य : एडीसी
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के जिले के प्रोजेक्ट डायरेक्टर-कम-अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) राजिदर बत्रा ने बताया कि मुकम्मल प्रक्रिया की निगरानी व पारदर्शिता के लिए जिला स्तरीय समिति के अलावा गांव स्तरीय समितियां बनाईं गई हैं। उन्होंने कहा कि चुने गए गांवों में विभिन्न विभागों को कामों व प्रोग्रामों के बारे में 30 अक्टूबर 2019 तक सर्वेक्षण करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके आधार पर इन गांवों में होने वाले विकास कामों की पहचान करके विकास कार्य की योजना बनाई जाएगी। सरकार की मंजूरी से ही इन गांवों के विकास कार्य शुरू करवा दिए जाएंगे। अनुसूचित वर्ग के गांवों की बदलेगी नुहार : बावा
जिला सामाजिक न्याय व अल्प संख्या अफसर मुकुल बावा ने बताया कि इस स्कीम का उद्देश्य गांवों में बुनियादी ढांचे के अलावा पीने के पानी, सेनिटेशन, शिक्षा, सेहत व पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें व मकान, बिजली व ईंधन, खेती संबंधित सेवाओं व हुनर विकास आदि सुविधाएं प्रदान की जाएगी, जिससे अनुसूचित जाति के अधिक आबादी वाले गांवों में किसी पक्ष से सुविधा की कमी न रहे। उन्होंने कहा कि यह योजना जिले के संबंधित गांवों के लिए वरदान साबित होगी, क्योंकि इस स्कीम के तहत वह विकास कार्य करवाए जा सकेंगे, जो किसी अन्य मौजूदा स्कीम के अधीन नहीं आते।