दसवीं पास युवक बना मास्टरमाइंड, पांच मिनट में खाते से उड़ा लेता लाखों की नकदी
संगरूर मात्र मैरिट तक पढ़ाई करने वाले बिना किसी टैक्निकल तुजुर्बा के 25 वर्षीय मोहित राज निवासी कृष्णापुर गोंडापुर जिला नवादा मोहित राज ने बेहद कम समय में लोगों को चकमा देकर एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर पांच मिनट के भीतर ही लाखों रुपये की नकदी खाते से ट्रांसफर करने का ऐसे हुनर सीखा कि मात्र एक वर्ष में ही 4
जागरण संवाददाता, संगरूर
मात्र मैरिट तक पढ़ाई करने वाले 25 वर्षीय मोहित राज निवासी गांव कुष्णापुर गोंडापुर, जिला निवादा, बिहार ने बेहद कम समय में लोगों को चकमा देकर एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर मात्र पांच मिनट के भीतर ही लाखों रुपये की नकदी खाते से ट्रांसफर करने का ऐसे हुनर सीखा कि एक वर्ष में ही उसने 480 से अधिक वारदातों को अंजाम देकर करोड़ों रुपये की राशि की ठगी को अंजाम दिया। इस संदर्भ में बिहार में वारदातों को अंजाम देने के बाद उसने पंजाब का रुख किया। फिर अपने साथियों सहित संगरूर-बरनाला इलाके सहित अन्य जगहों पर 60 से अधिक वारदातों को अंजाम देकर 15 लाख रुपये की ठगी मार चुका है। गौर हो कि इस संदर्भ में शेरपुर पुलिस ने इस तीन सदस्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड मोहित राज व उसके एक साथी बादल सिंह को 19 सितंबर को गिरफ्तार किया था, जबकि उनका एक अन्य साथी गुरमीत सिंह फरार है। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपितों को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया, जिसमें कई महत्वपूर्ण तथ्यों का पुलिस को पता चला है। अब इन दोनों आरोपितों को पुलिस बुधवार को फिर से अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड की मांग करेगी, ताकि अन्य महत्वपूर्ण तथ्य भी जुटाए जा सकें।
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स्वैप स्कीमिंग मशीन से करते थे एटीएम का डाटा चोरी
एसएसपी संगरूर डॉ. संदीप गर्ग ने पत्रकारों को मंगलवार को बताया कि एटीएम बूथ पर लोगों की मदद करने बहाने इस गिरोह का गिरफ्तार मास्टरमाइंड मोहित राज और गुरमीत सिंह व बादल सिंह दोनों निवासी ठीकरीवाला जिला बरनाला दाखिल हो जाते थे। मोहित अपने पास मौैजूद छोटी सी स्वैप स्कीमिग मशीन रखता था। जिसमें कार्डधारक के कार्ड को बेहद चालाकी से स्वैप कर लेता था, जिससे कार्ड का सारा डाटा चोरी हो जाता था। इस दौरान अन्य दोनों साथी कार्डधारक के पासवर्ड पर नजर रखते थे और तुरंत पासवर्ड अपने पास लिख लेते थे। इसके बाद ये एटीएम कार्डधारक के खाते से नकदी अपनी मां या पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर लेते थे, जिसमें मात्र पांच से सात मिनट लगते थे। संगरूर व बरनाला इलाके में वारदात को अंजाम देने के बाद ये मोगा व बठिडा जाकर एटीएम से नकदी निकलवाकर इस्तेमाल करते थे।
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जेल से मिली ठगी की तरकीब, फिर शुरू की ठगी
एसएसपी ने बताया कि एनडीपीसी एक्ट के तहत बिहार की गया जेल में कुछ समय बंद रहे मोहित राज को वहां एक कैदी ने ही ठगी के इस तरीके की जानकारी दी। वहीं पर कैदी ने उसे बताया कि अगर वह यह तरीका अपनाए, तो रातोंरात अमीर बन जाएगा। इसके बाद जेल से बाहर आते ही मोहित ने बिहार में ही एटीएम से क्लोन कार्ड बनाने व फिर नकदी ट्रांसफर करने की जानकारी हासिल की। इससे पहले जेल में ही मोहित की मुलाकात बादल सिंह निवासी ठीकरीवाला जिला बरनाला से हुई थी, जो एनडीपीएस एक्ट के तहत ही जेल में बंद था। इसके बाद इन्होंने गुरमीत सिंह को भी साथ मिलाकर गिरोह बनाया और ठगी की वारदातों को अंजाम देने में जुट गए।
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हवाईजहाज में करते थे सफर, स्टाइलिश था लाइफस्टाइल
जुलाई 2018 के बाद से 480 से अधिक वारदातों को अंजाम देने वाला मोहित राज व अन्य सदस्य बिहार से पंजाब आने के लिए अधिकतर हवाईजहाज में ही यात्रा करते थे। इनका लाइफस्टाइल भी बेहद शानदार रहा है। बिहार में वारदात को अंजाम देने के बाद ये पंजाब और पंजाब में वारदात को अंजाम देने के बाद बिहार भाग जाते थे। मोहित जहां मात्र दसवीं तक पढ़ा है। वहीं गुरमीत सिंह ने केवल छठी कक्षा तक की पढ़ाई की है।
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लैपटॉप, स्वैप मशीन व अन्य सामग्री बरामद
पुलिस ने इनके पास से एटीएम कार्ड, एटीएम क्लोन कार्ड बनाने वाला यंत्र, स्वैप व स्कीमिग मशीन, जाली क्लोन कार्ड आदि बरामद किया है। साथ ही मोहित के पास से बरामद दस्तावेजों में कई हस्तलिखित नोटबुक बरामद की हैं, जिनमें ठगी मारे एटीएम का विवरण मौजूद हैं।
एसएसपी ने बताया कि उक्त बरामद उपकरण पुलिस द्वारा साइबर सेल मोहाली भेज कर इनमें से डाटा जुटाया जा रहा है, ताकि अन्य वारदातों में ठगी मारी गई कुल राशि का विवरण सामने आ सके। वैसे पुलिस का अनुमान है कि यह राशि करोड़ों में हो सकती है। मोहित की मां व पत्नी जिनके खाते में 1.59 लाख व 1.16 लाख रुपये मौजूद हैं, को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया है।
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40 के करीब पहुंची पुलिस के पास शिकायतें, पुलिस जांच में जुटी
एटीएम कार्डो के जरिये इस प्रकार ठगी की पुलिस के पास 40 से अधिक शिकायतें पहुंची हुई हैं। इन्हें साइबर सेल की मदद से खंगाला जा रहा है। एसएसपी ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी ठगी से बचने के लिए अपनी अहम जानकारी किसी को मुहैया न करवाएं तथा ओटीपी आदि न बताएं। उक्त गिरोह ने जिन खातों में पैसे को ट्रांसफर किया है, उनकी पड़ताल की जा रही है और उन्हें फ्रीज किया जा रहा है।