यूनियन ने साथी कर्मचारियों को काम से निकालने पर खोला मोर्चा
रूपनगर भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ से संबंधित स्वराज माजदा इसुजू कांट्रेक्टर ड्राइवर कर्मचारी यूनियन के द्वारा मैनेजमेंट की धक्केशाही का विरोध करते हुए पहले महाराजा रणजीत ¨सह बाग में रोष रैली की जिसके बाद फैक्टरी के गेट तक रोष मार्च निकालते हुए जमकर नारेबाजी भी की।
संवाद सहयोगी, रूपनगर
भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ से संबंधित स्वराज माजदा इसुजू कांट्रेक्टर ड्राइवर कर्मचारी यूनियन के द्वारा मैनेजमेंट की धक्केशाही का विरोध करते हुए पहले महाराजा रणजीत ¨सह बाग में रोष रैली की जिसके बाद फैक्टरी के गेट तक रोष मार्च निकालते हुए जमकर नारेबाजी भी की।
सुच्चा ¨सह की अध्यक्षता में हुई इस रोष रैली के बारे जानकारी देते यूनियन के महासचिव गुरदयाल ¨सह ने बताया कि यूनियन ने पिछले साल जगमोहन ¨सह व उसके 11 साथियों को यूनियन विरोधी गतिविधियों के चलते यूनियन से बाहर कर दिया था। उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई के बाद निकाले गए व्यक्ति बिना किसी इजलास गैर कानूनी ढंग से अपने पदाधिकारी बनाते हुए यूनियन के काम में हस्तक्षेप करते आ रहे थे जिसके चलते यूनियन ने अदालत में केस दायर किया था। उन्होंने बताया कि अदालत ने फैसला सुनाते हुए जगमोहन ¨सह व उसके साथियों को आदेश दिए थे कि वे 13 नवंबर 2018 तक यूनियन के किसी काम में दखल नहीं देंगे। उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि बावजूद इसके उक्त व्यक्तियों ने 31 अक्टूबर 2018 को यूनियन के अस्थाई दफ्तर में प्रवेश करते हुए यूनियन के नेताओं के साथ मारपीट की तथा दोबारा यूनियन के कार्यों में हस्तक्षेप भी शुरू कर दिया। उन्होंने कि हैरानी तो इस बात की है कि मौके पर खड़ी पुलिस भी उस वक्त मूकदर्शक बनी रही जबकि शिकायत करने के बावजूद पुलिस के उच्च अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे हैं। इस मौके उन्होंने यह भी कहा कि जगमोहन ¨सह के द्वारा बनाए गए अध्यक्ष हर¨वदर ¨सह काका ने हाई कोर्ट में पिछले दिनों यह हल्फिया बयान देते हुए स्वीकार किया है कि जगमोहन ¨सह ने बिना इजलास बुलाए नियमों को ताक पर रखते हुए उन्हें अध्यक्ष बनाया लेकिन साथ यह भी माना कि जगमोहन ¨सह के द्वारा बनाए संगठन के साथ उसका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इतना कुछ होने के बावजूद स्वराज माजदा की मैनेजमेंट तथा ट्रांसपोर्टर उनकी यूनियन को कोई काम नहीं देते जबकि मैनेजमेंट टठा ट्रांसपोर्टरों के साथ यूनियन का काम देने संबंधी 14 सितंबर 2019 तक कांट्रेक्ट बना हुआ है। इस मौके उन्होंने मैनेजमेंट को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यूनियन की मांगों को मंजूर नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कुछ अन्य सहयोगी संगठनों को साथ लेकर संघर्ष को उग्र रूप दिया जाएगा जिसके परिणामों के लिए मैनेजमेंट जिम्मेवार होगी। इस मौके मलकीयत ¨सह सहित जसवीर ¨सह, गुरमीत ¨सह, जरनैल ¨सह, जगदेव ¨सह, ते¨जदर ¨सह, हरदेव ¨सह, हर¨वदर ¨सह काका, विक्रमजीत ¨सह, द¨वदर ¨सह राणा, गज्जन ¨सह, बल¨वदर ¨सह, जगपाल ¨सह, अजय कुमार, भीम ¨सह, वीरपाल ¨सह, अवतार ¨सह, भरपूर ¨सह, अमरजीत ¨सह, बलवंत ¨सह, सर्बजीत ¨सह, रा¨जदर ¨सह, जगदीश ¨सह, सुरजीत ¨सह, मनदीप ¨सह आदि ने मुख्य रूप से वर्करों को संबोधित किया।