नगर कौंसिल चुनावों की आहट के साथ ही रूपनगर में राजसी गतिविधियों ने पकड़ी गति
नगर कौंसिल चुनावों की दस्तक मिलने के साथ ही रूपनगर नगर कौंसिल क्षेत्र में विभिन्न पार्टियों की राजसी गतिविधियों ने गति पकड़नी शुरू कर दी है
अरूण कुमार पुरी, रूपनगर
नगर कौंसिल चुनावों की दस्तक मिलने के साथ ही रूपनगर नगर कौंसिल क्षेत्र में विभिन्न पार्टियों की राजसी गतिविधियों ने गति पकड़नी शुरू कर दी है।
उम्मीद लगाई जा रही है कि नगर कौंसिल के चुनाव जनवरी 2021 के दौरान किसी भी वक्त हो सकते हैं जिसको लेकर रूपनगर में शिअद, भाजपा तथा कांग्रेस के संभावनी प्रत्याशियों के द्वारा नुक्कड़ बैठकों के साथ साथ लोगों के घरों में दस्तक देते हुए संपर्क अभियान शुरू कर दिया गया है लेकिन इस मामले में अभी तक आम आदमी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी चुप्पी साधे बैठी है। रूपनगर में कुल 21 वार्डों से 21 पार्षदों को चुना जाना है जिसके लिए अभी तक प्रत्याशियों के बारे तो किसी भी पार्टी ने पत्ते नहीं खोले लेकिन खुद को दावेदार बताते हुए विभिन्न पार्टियों के लोकल नेताओं के साथ साथ कुछ आम शहरी भी चुनाव लड़ने की फिराक में हैं।
इस बारे भाजपा व शिअद का राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन टूट जाने के कारण शिअद व भाजपा में स्थिति काफी असमंजस वाली बनी हुई है जिसके चलवते दोनों की पार्टियों के संभावी अपनी गतिविधियों को लगातार गति प्रदान करने में लगे हुए हैं। वर्तमान हालात जो बन रहे हैं उनके अनुसार इस बार नगर कौंसिल चुनावों में रूपनगर के लगभग सभी वार्डों में कोना मुकाबला होने के आसार स्पष्ट त्रिदिखाई दे रहे हैं। चुनाव मैदान में कौन कौन महारथी उतरेगा इस बारे कुछ स्पष्ट नहीं लेकिन चुनाव लड़ने के इच्छुक अपनी टिकट पर पार्टी आकाओं की मोहर लगवाने के लिए हाथ-पैर मारने लगे हैं यहां तक कि लीडरों के साथ बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। रूपनगर नगर कौंसिल पर इस बार कौन साबिज होता है यह तो समय ही बताएगा लेकिन इस चुनाव से पहले नगर कौंसिल पर शिअद-भाजपा गठबंधन का कब्जा रहा है।
वर्तमान में प्रदेश की सत्ता पर कांग्रेस काबिज है जिसके चलते इस बार कांग्रेस नगर कौंसिल पर काबिज होने की फिराक में है जिसको लेकर सारे वार्डों में इस वक्त कांग्रेस के संभावी प्रत्याशी अपना अपना पक्ष मजबूत करने में सबसे आगे दिख रहे हैं क्योंकि उन्हें पार्टी का टिकट हासिल करने के लिए भी अपना आधार दिखाना जरूरी है। रूपनगर विधानसभा हल्के से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके एवं पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बरिदर सिंह ढिल्लों नगर कौंसिल चुनावों में अपना आधार दिखाने के लिए काफी सक्रीय बने हुए हैं तथा अपने पक्ष के ज्यादा से ज्यादा प्रत्याशी मैदान में उतारने की कोशिश में हैं जिसको लेकर उनके द्वारा शहर अंदर आधार रखने वाले कांग्रेस विचारधारा के व्यक्तियों के साथ बैठकों का दौर भी जारी बताया जा रहा है। इसके दूसरे पहलु को अगर देखें तो नगर कौंसिल के पूर्व चेयरमैन एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक वाही, निवर्तमान पार्षद पोमी सोनी व निवर्तमान पार्षद अमरजीत सिंह जौली जैसे कांग्रेसी जोकि पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा कंवरपाल सिंह के अति करीबी माने जाते हैं, पिछले काफी दिनों से शहर अंदर नुक्कड़ बैठकें करते हुए अपना आधार मजबूत बना चुके हैं जबकि ऐसे कांग्रेसियों के साथ नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन सुखविदर सिंह विस्की लगातार संपर्क में है। यहां यह भी कहना गल्त नहीं होगा कि कांग्रेस की गुटबाजी सत्ता हासिल करने के सपने को धूमिल कर सकती है।
दूसरी तरफ शिअद को दोबारा सत्ता में लाने के उद्देश्य से पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा तथा नगर कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह माकड़ भी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं जबकि संभावी प्रत्याशियों के साथ उनकी बैठकों का दौर भी जारी है। वैसे नगर कौंसिल के चुनाव डा. चीमा व बरिदर सिंह ढिलव्लों के लिए काफी अहम भी हैं क्योंकि दोनों नेताओं का राजसी भविष्य इसके साथ जुड़ा हुआ है। इसके अलावा जिला भाजपाध्यक्ष जतिदर सिंह अठवाल सहित पूर्व नगर कौंसिल अध्यक्ष इंद्रसेन छत्तवाल, पूर्व पार्षद हरमिदरपाल सिंह वालिया, रमन जिदल, एडवोकेट रमित केहर, पूर्व पार्षद रचना लांबा तथा राजेश्वर जैन जैसे बड़े कद के नेता भाजपा को नगर कौंसिल की सत्ता पर काबिज बनाने के लिए पूरी तरह से सरगर्म हो चुके हैं। अब देखना यह है कि राजनीति का ऊंट किस करवट बैठता है।