सब्जी की थाली से गायब हुए मटर व गोभी
बाजारों में जहां सब्जी की मांग बढ़ गई वहीं इनके दाम भी आसमान छूने लगे हैं।
संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी: त्योहारों का सीजन होने के कारण बाजारों में जहां सब्जी की मांग बढ़ गई, वहीं इनके दाम भी आसमान छूने लगे हैं। गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की जेब सब्जियां खरीदने में बेबस नजर आ रही हैं। बाजार में महंगी सब्जियों की वजह से 300-400 रुपये दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर के लिए सब्जियां खाना मुंगेरी लाल के सपनों की तरह हो गया है। नरपुरबदी इलाके में सब्जी विक्रेता आढ़त से सब्जी खरीद रहे हैं और उन्हें आढ़त से ही महंगी सब्जियां मिल रही हैं। नूरपुरबेदी स्थित सब्जियों की दुकानों से एकत्र जानकारी के मुताबिक दुकानों पर मटर के दाम 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। आम तौर पर घरों पर सब्जी के लिए इस्तेमाल होने वाली गोभी भी अब गरीबों की रसोई से बाहर हो गई है।
नूरपुरबेदी इलाके में गोभी इन दिनों 80 रुपये किलो बिक रही है। 60 रुपये किलो बिक रहा टमाटर गृहणियों की रसोई से गायब है। अदरक और धनिया भी अब महंगाई की मार झेल रहा है। शहर में अदरक 130 रुपये और हरा धनिया 250 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। घीया और कद्दू भी जहां 30 रुपये से नीचे नहीं बिक रहे, वहीं मूली भी 30 रुपये प्रति बिक रही है। हरी मिर्च 70 रुपये किलो, प्याज 50 रुपये और बैंगन 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सब्जी उत्पादक घाटे में दूसरी तरफ सब्जियां उगाने वाले किसानों का कहना है कि उनकी सब्जी आढ़त पर बहुत ही कम भाव पर बिक रही है। बाद में वही सब्जी जब सब्जी विक्रेता की दुकान पर जाती है, तो उसका भाव असमान पर चढ़ जाता है। किसानों में राजबीर सिंह व कुलविदर सिंह ने कहा कि सब्जियों की पैदावार करने वाले किसान हमेशा घाटे में रहते हैं, जबकि बड़ा मुनाफा बीच की कड़ी खा रही है। हफ्ते में दो दिन किसान मंडी लगाने की मांग इलाके के किसान मास्टर शिगारा सिंह बैंस, कामरेड मोहन सिंह धमाना, बलवीर सिंह भट्टों और दर्शन कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन को किसानों के उत्पादों को किसानों से सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए नूरपुरबेदी शहर में किसान मंडियां लगानी चाहिए। जिला प्रशासन और सरकार नूरपुरबेदी में भी रूपनगर की तरह अस्थायी सब्जी मंडी हफ्ते में दो दिन लगाए।